शुक्रवार को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस मामले में शामिल सभी 22 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। सोहराबुद्दीन शेख - तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में 13 साल बाद शुक्रवार को फैसला आया। इस मामले में 2005 में 38 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विशेष कोर्ट ने कहा की सरकारी पक्ष किसी भी तरह से आरोपों को सबित करने में सफल नहीं रहा और साथ ही पेश किये गए सबूत भी ठोस नहीं है , लिहाजा कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर भी था आरोप
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस मामले में मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का भी नाम आरोपियों में दर्ज किया था। हालांकी इस केस में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था। अमित शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे । जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया था उनमें से ज्यादातार लोग पुलिस विभाग के थे।
आरोपपत्र में थे 38 लोगों के नाम
कोर्ट ने सीबीआई के आरोपपत्र में नामजद 38 लोगों में 16 को सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है। इनमें अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पी सी पांडे और गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डीजी वंजारा शामिल है।
क्या कहना है कोर्ट का
सोहराबुद्दीन मामले में सारे 22 आरोपियों को सीबीआई विशएष कोर्ट ने बरी कर दिया है। किसी के खिलाफ कोई चार्ज सिद्ध नहीं हुआ। सोहराबुद्दीन हत्या मामले में कोर्ट ने माना कि हत्या गोली लगने हुई है लेकिन गोली 22 में से किसी आरोपी ने चलाई थी यह साबित नहीं हुआ।
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