कोमा में 8 दिन रहने के बाद मौत से हार गए ट्रैफिक हवलदार सुनील कदम

पिछले 8 दिनों से जिंगदी के लिए मौत से लड़ाई करते हुए कोमा में गए पुलिस जवान सुनील कदम की हिम्मत आखिर जवाब दे गयी और उन्होंने मौत के आगे घुटने टेक दिए। सुनील कदम उन पुलिस कर्मियों में शामिल हो गए जिन्होंने ड्यूटी निभाते समय अपने प्राणों की आहुति दी। सुनील कदम एक ट्रैफिक हवलदार थे जो ठाणे में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। ड्यूटी के समय ही एक बाइक सवार की गलती से सुनील कदम एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे और 8 दिन बाद उनकी मौत हो गयी।

क्या था मामला?

ठाणे के गांवदेवी इलाके के कैडबरी जंक्शन पर ट्रैफिक हवलदार सुनिल कदम 11 मई के दिन रोज की तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। तभी एक बाइक पर तीन लोग सवार होकर गुजर रहे थे। इन्हे देख कर सुनील ने इन्हे रोका और बाइक चालक अब्दुल गफ्फार शेख (26) से गाड़ी का डॉक्युमेंट्स और ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। यही नहीं बाइक के नंबर प्लेट में भी गड़बड़ी थी। सुनील कदम ने चालान भरने को कहा लेकिन गफ्फार सहित अन्य लोगों ने भी पैसे होने से इनकार किया। सुनील कदम बाइक चालक अब्दुल गफ्फार को गांवदेवी पुलिस चौकी चलने को कहा और उसकी बाइक पर सवार हो गए।

हुआ सड़क हादसा 

जब गफ्फार अपनी बाइक पर सुनील कदम को बैठा कर गाँव देवी पुलिस स्टेशन जाने लगा तो रास्ते में अब्दुल को पता नहीं क्या सुझा उसने बाइक की गति एकाएक बढ़ा दी। सुनील कदम के मना करने के बाद भी अब्दुल बाइक की रफ़्तार काम नहीं कर रहा था। अचानक अब्दुल का नियंत्रण बाइक से छूट गया और बाइक डिवाइडर से टकरा गयी। इस हादसे में अब्दुल तो घायल हुआ ही लेकिन सुनील कदम के सिर में बुरी तरफ से चोट लग गयी। हादसे की सुचना मिलने पर तुरंत गांवदेवी पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को नायर अस्पताल में दाखिल कराया। इस दुर्घटना के कारण सुनील कदम कोमा में चले गए। डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर के पीछे वाले भाग में काफी चोट लगी थी। आख़िरकार 8 दिन के बाद सुनील कदम की इलाज के दौरान मौत हो गयी।

नायर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद अब्दुल को गांवदेवी पुलिस ने आईपीसी की धारा  308, 365, 353, 333, 336, 338 आणि 279 के तहत गिरफ्तार कर लिया है।

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