हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पुछा सवाल- स्कूल बैग के वजन को कम करने के आदेशों के साथ क्या हुआ?

छात्रों के लिए स्कूल बैग के वजन को कम करने के लिए सरकार ने एक जीआर पास किया था, हालांकी इस जीआर पर कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा की जीआर को सही तरीके से लागू नहीं किया गया। अदालत ने सरकार से इसके बारे में हलफनामा जमा करने के लिए कहा है।

2016 में जीआर जारी

सामाजिक कार्यकर्ता स्वाती पटेल ने स्कूल के छात्रों के वजन को कम करने के लिए स्कूल बैग के वजन को कम करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। तदनुसार, सामाजिक कार्यकर्ता ने मांग की थी कि छात्रों के लिए स्कूलों में लॉकर्स की व्यवस्था की जाए। कोर्ट ने इस बारे में सरकार को आदेश दिया जिसके बाद सरकार ने एक जीआर पास किया। सरकार ने 2016 में जीआर जारी किया था और स्कूलों से विचार करने के लिए कहा था।

जब पाटिल को पता चला कि जीआर को सही तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है, तो उन्होने आरटीआई दायर की और पाया कि 2017 के दौरान केवल सात से आठ प्रतिशत स्कूलों की जांच की गई थी और स्कूलों द्वारा 2018 के लिए कोई भी रिपोर्ट दायर नहीं की गई थी।

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