महाराष्ट्र : 1 दिसंबर से खुलेंगे स्कूल, जानें क्या होंगे नियम

जब भारत (india) समेत पूरी दुनिया इस समय  अफ्रीका (south africa) में मिले कोरोना वायरस (coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (omicron) को लेकर पाबंदी लगाने का विचार कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में एक दिसंबर से स्कूल शुरू होने संबंधी नियमावली जारी की है।

राज्य में कोरोना का प्रसार दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है। लेकिन हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी के वेरिएंट ओमिक्रोन ने  bmc की चिंता बढ़ा दी है। बावजूद इसके सरकार 1 दिसंबर से स्कूल शुरू करने के फैसले पर अडिग है।

इसी के तहत एक दिसंबर से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कक्षा पहली से लेकर कक्षा चौथी और नगर निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर कक्षा सातवीं शुरू करने की घोषणा की गई है। साथ ही राज्य सरकार ने स्कूल शुरू करते समय कोरोना संबंधी सभी सावधानी बरतने के नियम भी जारी किए हैं।

बता दें कि सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक के बाद स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से अध्यादेश जारी किया गया है। पहले से चौथे ग्रामीण स्कूल और पहले से सातवें शहरी स्कूल 1 दिसंबर से शुरू होंगे।

 ये हैं दिशा-निर्देश

 एक कक्षा में 15 से 20 विद्यार्थी ही होने चाहिए

प्रत्येक बेंच पर केवल एक छात्र होना चाहिए।

दो बेंचों के बीच छह फीट का गैप होना चाहिए।

शिक्षकों की सुविधा के लिए उनके शहर अथवा गांव में में ही रहने के लिए किया जाना चाहिए।

भीड़ से बचने के लिए माता-पिता को स्कूल परिसर में आने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

कक्षाएँ बारी-बारी से करनी चाहिए मतलब कुछ कक्षाएं  सुबह तो कुछ दोपहर में शुरु होनी चाहिए।

छात्रों को स्कूल में ठीक से मास्क पहनने संबंधी विशेष निर्देश दिए जाने चाहिए।

शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण अनिवार्य होना चाहिए।

शिक्षकों और स्कूलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्र ठीक से मास्क पहनें।

स्कूल बस चालक और हेल्परों का भी टीकाकरण होना अनिवार्य होना चाहिए।

 बस के हेल्पर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों ने मास्क ठीक से पहना हो।

स्कूल दो सत्रों में, सुबह और दोपहर शुरू होनी चाहिए।

स्कूल 3 से 4 घंटे ही चले।

सभी तरह के आउटडोर खेलों या किसी आयोजन पर प्रतिबंध।

छात्रों को स्कूल भेजने के लिए माता-पिता की अनुमति आवश्यक होनी चाहिए।

घर में कोई बीमार हो तो छात्र घर पर ही रहे।

 जो छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।

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