ईपीएफओ मे पीएफ जमा नहीं करने पर मुंबई विश्वविद्यालय को कारण बताओ नोटिस

  • नितेश दूबे & नम्रता पाटील
  • शिक्षा

पिछले आठ सालों से, एमयू ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ अनुबंध कर्मचारियों के वेतन का हिस्सा जमा नहीं किया है।कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अप्रैल 2009 और दिसंबर 2016 के बीच भविष्य निधि का भुगतान करने में नाकाम रहने के लिए मुंबई विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक कारण बताओ नोटिस भेजा है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है की मुंबई विश्वविद्यालय को इस तरह का कोई नोटिस मिला है।

जनवरी 2018 के मुंबई विश्वविद्यालय के साथ काम करनेवाले अस्थायी कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को एक पत्र लिखा था और मांग की थी की उनके वेतन से जनवरी 2017 से जो पैसे काटे गए है उन्हे ईपीएफओ में जमा करा दिया जाए।

जब विश्वविद्यालय ने ईपीएफओ के साथ पीएफ जमा करने के बारे में कुछ नहीं किया, ईपीएफओ के सहायक आयुक्त - अनिरुद्ध चुंदवत श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार से मुंबई विश्वविद्यालय को नोटिस भेजा जिसमेे 20 जुलाई की तारिख लिखी गई है। नोटिस में 20 जुलाई का उल्लेख है जब एमयू पिछले शो-कारण नोटिस का जवाब देने में असफल रहा।

इस बीच, आने वाले कुछ दिनों में, ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारियों में से एक विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे और सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच करेगे। विवरण की जांच के बाद, अधिकारी रिपोर्ट जमा करेंगे और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

सीनेट सदस्य सुप्रिया करंदे का कहना है की अनुबंध कर्मचारियों के संबंध में कई मुद्दे अभी भी लंबित हैं और अब उनके पीएफ जमा नहीं किए गए हैं, यह अच्छा नहीं है। यदि एमयू पीएफ जमा करने में विफल रहता है तो हम एक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

अस्थाई रजिस्ट्रार दिनेश कांबले का कहना है की जब हमें इस बारे में पता चला तो हमने कुछ करोड़ रुपये ईपीएफओ के खाते में जमा कराए , इस बीच, हमारे पास कुछ कर्मचारियों की अधिक जानकारी नहीं है जिनको ये दिक्कते आ रही है, हम इसका पता लगा रहे है।

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