विश्वविद्याल के अधिकारियों का कहना है की "उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन करने में बहुत समय बर्बाद होता है , क्योंकि मुंबई में ही दो लाख से अधिक छात्र हैं,प्रत्येक उत्तर पुस्तिका को स्कैन करना होता है और फिर उन्हें पेपर सुधार के लिए सिस्टम पर अपलोड करना होता है,इस प्रक्रिया में बहुत समय और श्रमशक्ति लगती है"विश्वविद्यालय की योजना के अनुसार, छात्रों को टैबलेट और स्टाइलस दिये जाएंगे, छात्रों के लिए एक युनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाया जाएगा ,जिसकी मदद से वे अपनी परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं"।
विशिष्ट पहचान के तहत सिस्टम से होगी परीक्षा
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