युवसेना ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मुंबई विश्वविद्यालय (MUMBAI UNIVERSITY) और उसके अंतर्गत आने वाले कॉलेजों की नेमप्लेट मराठी भाषा में बनाने की मांग की है।युवसेना ने ये मांगें मराठी भाषा के विस्तार और प्रचार के लिए की है। ये मांगें युवसेना ने यूनिवर्सिटी के बजट सत्र में की हैं।
इसके लिए विश्वविद्यालय के बजट सत्र में युवा सेना की ओर से कुछ अहम मांगें रखी गई हैं। युवसेना सीनेट सदस्य शीतल देवरुखकर शेठ ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। युवसेना सीनेट के सदस्य प्रदीप सावंत ने कहा है कि इस संदर्भ में तत्काल एक सर्कुलर जारी किया जाए और कॉलेजों के नाम बोर्ड मराठी में बनाए जाएं।
क्या हैं प्रस्ताव में मांगें?
- कॉलेज के नाम बोर्ड के साथ-साथ अन्य नोटिस बोर्ड मराठी में होने चाहिए।
 - विश्वविद्यालय स्तर पर मराठी भाषा विकास बोर्ड की स्थापना की जाए और उसे उचित आर्थिक सहायता दी जाए।
 - प्रत्येक महाविद्यालय में मराठी वन्दमय मण्डल की स्थापना अनिवार्य कर मंडला के कार्यक्रमों के लिये वित्तीय प्रावधान किया जाये।
 - मराठी ग्रंथ दर्शन, ग्रंथ दिंडी जैसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए
 - कॉलेज प्रवेश फॉर्म, सूचना पुस्तिकाएं, वॉल पेपर, प्रश्न पत्र इत्यादि। सभी को मराठी भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
 - कुछ विषयों की परीक्षा मराठी माध्यम से देने की व्यवस्था की जाए।
 - मराठी भाषा में पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहन उपायों की योजना बनाई जानी चाहिए।
 - मराठी भाषा के प्रयोग को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर ठोस नीति बनाई जाए।
 - उपरोक्त मांगों को स्वीकार करते हुए कुलपति ने मराठी भाषा को कुलीन भाषा बनाने के अभियान में भाग लेने के लिए कॉलेज के छात्रों को सर्कुलर और अन्य सर्कुलर जारी करने का वादा किया है
 
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