बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार को आज राष्ट्रपति के हाथों नेशनल अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। यह अवॉर्ड उन्हें फिल्म रुस्तम के लिए दिया जा रहा है। उन्हें अवॉर्ड मिले उससे पहले उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें अक्षय ने अवॉर्ड मिलने की खुशी को जाहिर करते हुए आत्महत्या के मुद्दे पर बात की है।
उन्होंने कहा, जिस दिन नेशनल अवॉर्ड की घोषणा हुई थी, उस दिन मैं अपनी मां से बात करते हुए बचपन का एक दिन याद कर रहा था। परीक्षा का रिजल्ट आया था और में उस कक्षा में फेल हो गया था। घर जाने में बहुत डर लग रहा था, लग रहा था बहुत मार पड़ेगी। पर उस दिन पिता जी ने बैठाया और पूछने लगे बेटा तुम करना क्या चाहते हो, तब मैंने उन्हें बताया कि मेरा मन खेल कूंद में लगता है। खिलाड़ी बनना चाहता हूं। पिता जी बोले फिर उसी पर ध्यान दो और साथ में थोड़ा पढ़ाई भी करते जाओ। हम तुम्हारा साथ देंगे।
भावुक होते हुए अक्षय ने आगे कहा कि उसके बाद ही मैं यहां पहुंचा। उन्होंने आगे कहा कि इस स्टोरी के बताने का मेरा मकसद है लोगों को आत्महत्या करने से बचाना। दरअसल हाल ही में आईआईटी के एक छात्र ने पढ़ाई के स्ट्रेस की वजह से आतमहत्या कर ली थी तो वहीं मुंबई के एक फाइव स्टार होटल के कमरे से कूंदकर मैनेजमेंट के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी, वह फेल हो गया था।
अक्षय कुमार ने आत्महत्या के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व में लगभग आठ लाख लोग हर साल आत्महत्या करते हैं। जबकि अकेले भारत में डेढ़ लाख लोग अपनी जान खुद दे देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या उन युवाओं की होती है जो परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं या फिर रिलेशनशिप के स्ट्रेस को संभाल नहीं पाते। इस पर अक्षय ने कहा कि क्या तुम्हारी जान मार्कशीट से सस्ती हो गई है, नहीं। ऐसा कदम उठाने से पहले उन माता पिता के बारे में सोचो, क्या गुजरेगी उनपर।
साथ ही अक्षय ने पैरेंट्स को भी बच्चों के स्ट्रेस को समझाने और उन्हें सुलझाने की नसीहत दी है।