सरकार द्वारा बाहर का खाना अलाउड करने पर औंधे मुंह गिरे मल्टीप्लेक्स के शेयर्स

  • मुंबई लाइव टीम & शिव कटैहा
  • मनोरंजन

महाराष्ट्र सरकार ने मल्टीप्लेक्स और अन्य थिएटर्स में बाहर का खाना पीना ले जाने की इजाजत दे दी है। इस निर्णय के आते ही मल्टीप्लेक्स के शेयर्स औंधे मुह गिर पड़े हैं। इसमें सबसे बड़ा झटका पीवीआर सिनेमा को लगा है। उसके 13 फीसदी शेयर गिर गए हैं।

शुक्रवार को शेयर बाजार में पीवीआर सिनेमा को सबसे बड़ा झटका लगा है। कंपनी का शेयर 13 फीसदी गिरकर 1214 रुपये पर बंद हुआ। वहीं आईनॉक्स का शेयर 5.4 फीसदी गिरकर 239 पर बंद हुआ। इसके अलावा अन्य मल्टीप्लेक्स और सिनेमाहॉल की कमाई पर भी इसका असर पड़ेगा।

25 फीसदी खाने पीने से होती थी कमाई

अभी तक ज्यादातर मल्टीप्लेक्स खाने पीने का सामान बेचने पर 25 फीसदी कमाई करते थे। लेकिन इससे लोगों की जेब ज्यादा कटती थी, मार्केट में बिक रहे दर से तीन गुना ज्यादा तक वसूलते थे। इसी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

थिएटर्स के अंदर बाहर का खाना अलाउ

अभी तक सिनेमाहॉल और मल्टीप्लेक्स के अंदर खाने-पीने की चीजें ले जाने की अनुमति नहीं थी। जिसके चलते दर्शकों को मजबूर होकर मल्टीप्लेक्स के अंदर से ही महंगे दामों में खाने पीने की चीजें खरीदनी पड़ती थी। हालांकि सरकार के इस कदम के बाद फिल्म देखने वाले दर्शकों को कुछ राहत मिल सकेगी। क्योंकि अब जो सिनेमाहॉल या मल्टीप्लेक्स इस नियम का पालन नहीं करेंगे फडणवीस सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी लगाई थी फटकार

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी खाने पीने का सामानों पर ज्यादा दाम वसूलने पर सिनेमाघर मालिकों को जोरदार फटकार लगाई थी। उधर, सिनेमाघरों में ज्यादा दामों पर खाने-पीने की सामानों को बेचे जाने को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना काफी समय से विरोध प्रदर्शन कर रही है। पार्टी ने इस मामले पर सिनेमाघर मालिकों को आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए फैसले के संबंध में मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मीडिया के बयान में कहा है, हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारे किसी भी सदस्यों द्वारा संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमा थियेटर को इस विषय में कोई भी ऑर्डर या अधिसूचना प्राप्त नहीं हुई है। इसलिए हम सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले से अवगत नहीं हैं।

एमएआई के अध्यक्ष दीपक आशेर ने कहा है, चूंकि मामला वर्तमान में उप-न्याय के पास है, हमारी किसी भी नियामक प्राधिकारी से कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, इसलिए हम इस मामले में और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

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