आरे में सिर्फ 76 हेक्टर वनजमीन, 1414 हेक्टर जमीन गई कहां?

वन विभाग के पास केवल 76 हेक्टर वनजमीन होने की जानकारी से पर्यावरण प्रेमियों को धक्का लगा है। राष्ट्रीय हरित लवादा में गुरूवार को वन विभाग ने मुंबई उपनगर में आरे में 76 हेक्टर वन जमीन होने का प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत किया। आरे में 2076 हेक्टर जगह में से 586 हेक्टर का विकास हुआ। जिसमें से 1,414 हेक्टर वनजमीन कहां गई इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वन विभाग के प्रतिज्ञापत्र में सिर्फ 76 हेक्टर वन जमीन का होना बताया है, जो कि तथ्य के हिसाब से गलत है।

गुरूवार को वन विभाग ने प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करते हुए आरे में 76 हेक्टर वनजमीन होने की बात कही है। 2076 हेक्टर जगह में से 586 हेक्टर का विकास होने की बात कही गई, लेकिन आरे में 1,414 हेक्टर जमीन वनजमीन बचे होने की जगह सिर्फ 76 हेक्टर जगह होने की बात वन विभाग ने स्वीकार की है। इस बारे में सेव आरे के सदस्य बिजू अगस्तीन का कहना है कि आरे की वनजमीन को विकास के लिए खुला रखने की खातिर वन विभाग यह दांव खेल रहा है। इस मामले की लवादा में अगली सुनवाई 22 तारीख को होनी है। अगस्तीन का कहना है कि वन विभाग कितना भी छुपा ले, कागजपत्र पेश कर ले, लेकिन पूरी हकीकत को सामने जरूर लाएंगे।

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