महाराष्ट्र के महाड में भूस्खलन, 72 लोग लापता

महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई जिले इस समय भारी बारिश (heavy rains) का सामना कर रहे हैं। जिसकी वजह से भूस्खलन के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में महाड (mahad) में भूस्खलन होने की खबर सामने आ रही है। जिसकी चपेट में 32 घर आ गए हैं। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंच कर राहत कार्य शुरू कर दी है।

प्रारंभिक जानकारी सामने आई है कि महाड के तलये गांव में भूस्खलन हुआ है। इस घटना में करीब 72 लोगों के लापता होने की खबर है। महाड तालुका के बीरवाड़ी से करीब 14 किलोमीटर दूर तलये गांव में गुरुवार शाम पांच से छह बजे के बीच मूसलाधार बारिश हुई, जिसकी वजह से यह भूस्खलन हुआ है।

गांव के सरपंच ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस घटना में करीब 32 घर दब गए हैं और 72 लोग लापता हैं। घटनास्थल पर एनडीआरएफ (NDRF) की मदद भेजी गई है। हालांकि, भारी बारिश के कारण राहत कार्य धीमा बताया जा रहा है।

इस बीच सतारा जिले के पाटण तालुका के गुंजली नामक गांव से भी भूस्खलन होने की घटना सामने आई है। आशंका जताई जा रही है कि इस घटना की चपेट में पूरा गांव आ सकता है। जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल ग्रामीणों को शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा, तटीय जिलों में भी मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई है। अगले चार दिनों तक सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे और मुंबई, सांगली, कोल्हापुर, सतारा और अहमदनगर इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। और राज्य में अन्य जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश अब रौद्र रूप ले रही है। कोंकण में स्थिति गंभीर हो गई है और कई शहरों में पानी घुस गया है। चिपलून शहर भी बदहाल स्थिति में है।

कोंकण में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कोयना बिजली उत्पादन को रोक दिए जाने के बाद कोंकण में छोड़ा जाने वाला पानी रोक दिया गया है। राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि कोंकण और कोल्हापुर, सांगली में प्रशासन अगले तीन दिनों की बारिश के लिए तैयार है।

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