केईएम में गर्भपात को मंजूरी

मुंबई- उच्चतम न्यायालय ने डॉक्टरों के परामर्श के बाद महाराष्ट्र की एक महिला को गर्भपात कराने की सोमवार को अनुमति दे दी। केईएम अस्पताल के डीन डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि सर्वोच्च कोर्ट के आदेशानुसार महिला का गर्भपात किया जाएगा। महिला को 17 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। और 18 जनवरी को उसका गर्भपात किया जाएगा।

न्यायमूर्ति एस.ए.बोबड़े की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शिशु को जन्म देने की स्थिति में महिला की जान खतरे में पड़ऩे के आधार पर 22 वर्षीय महिला को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी।

विशेषज्ञ डॉक्टरों के एक समूह ने भ्रूण के अविकसित होने और जन्म के बाद शिशु के जिंदा न रह पाने की स्थिति में महिला की जान को खतरा बताया था। महिला 24 सप्ताह से गर्भवती है और उसका गर्भपात महाराष्ट्र के केईएम अस्पताल में किया जायेगा। जहां वह अपना इलाज करा रही है।

दरअसल, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट में प्रावधान है कि 20 हफ्ते के बाद गर्भपात नहीं किया जा सकता। इसके तहत सात साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि इसके तहत यह छूट भी है कि अगर मां या बच्चे को खतरा हो तो गर्भपात किया जा सकता है।

केईएम अस्पताल के डीन डॉ. अविनाश सुपे ने बताया कि सर्वोच्च कोर्ट के आदेशानुसार महिला का गर्भपात किया जाएगा। महिला को 17 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 18 जनवरी को उसका गर्भपात किया जाएगा।

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