4 महीने की बच्ची, 6 हार्ट अटैक,12 सर्जरी फिर भी सही सलामत

जाकों राखे साइयां मार सके न कोय, यह बात एक बार फिर से सही सार्थक हो गई। 4 महीने की बच्ची विदिशा इस कहावत पर पूरी तरह से खरी उतरी है, जिसे करिश्मा कहा जा रहा है। दरअसल विदिशा नाम की बच्ची के हार्ट का 12 घंटों तक ऑपरेशन चला और उसे छह बार हार्टअटैक भी आया, लेकिन इसके बावजूद वह जिंदगी की जंग जीत गई। यह बच्ची एक खास तरह के हार्ट डिफेक्ट के साथ पैदा हुई थी जिसे 'ब्लू बेबी सिंड्रोम'कहते हैं। इस बच्ची को लोग ‘मिरेकल बेबी’ भी कह रहे हैं।

मुंबई के कल्याण के इलाके में रहने वाले विशाखा और विनोद वाघमारे के घर विदिशा का जन्म हुआ। बच्ची की मां कहती है कि जब वह 45 दिन की थी, तब विदिशा ने उल्टी की और बेहोश हो गई। हमने उसे हिला कर जगाया, लेकिन वह फिर से बेहोश हो गई। इसके बाद उन्होंने बच्चे को एक स्थानीय नर्सिंग होम में ले गए, जहां उन्हें उन्हें बी.जे वाडिया अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। वाडिया अस्पताल के बाल हृदय निदेशक डॉ. बिस्वा पांडा ने बताया कि बच्ची के हृदय की शारीरिक रचना एक सामान्य हृदय के विपरीत थी।

उसके पिता ने बताया कि जब विदिशा पैदा हुई थी तब उसके ऑक्सीजन का स्तर 60% तक गिरा था, जिसके कारण उसका शरीर नीला पड़ गया था। विदिशा के जन्म के समय उसके, हृदय रोग ने उसके फेफड़ों को बुरी तरह क्षति पहुंचाई थी। उसके दिल को ठीक करने के लिए 12 घंटे की एक सर्जरी हुई। उसके कमजोर फेफड़े सर्जरी के तनाव को सहन नहीं कर सके और दो दिन बाद विफल हो गए।

सर्जन डॉक्टर सुरेश राव ने कहा कि सर्जरी के 51 दिनों तक बच्ची आईसीयू में थी। इस दौरान उसे उसे छह बार दिल का दौरा आया। उन्होंने कहा कि बच्ची के फेफड़े को स्थिर करने के लिए हमें हाई फ्रीक्वेंसी वाले ऑसिलेटरी वेंटलिटर का इस्तेमाल करना पड़ा। डॉक्टर सुरेश ने बताया कि यह अपने आप में एक रेयर केस था।


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