कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बीएमसी ने की अतिरिक्त तैयारियां

देश के साथ साथ पूरी दुनियां में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बीएमसी ने अपनी तैयारियों को और भी मजबूत किया है ।बीमारी को लेकर किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन ने मुंबई में 390 आइसोलेटेड (अलग-थलग) बेड्स की सुविधा शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों की भी मदद ली जाएगी।रविवार को केरल और तमिलनाडु में कोरोना वायरस के पुष्ट मामले आने के बाद इस बीमारी को लेकर लोगों में डर बढ़ गया है।

कस्तूरबा अस्पताल में बेड्स की सुविधा

बीएमसी ने कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए अपनी तैयारियों को और भी पूख्ता किया है।  बीएमसी स्वास्थ्य विभाग के अडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर सुरेश ककानी ने बताया कि फिलहाल मुंबई में इस बीमारी के लिए कस्तूरबा अस्पताल में बेड्स की सुविधा है। यहां 28 बेड्स हैं, लेकिन भविष्य में किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए बेड्स की सुविधा 390 तक करने का फैसला लिया है।इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों से साथ हाल में एक बैठक भी हुई थी। मुंबई के 10-12 प्राइवेट अस्पतालों में 160 आइसोलेटेड बेड्स की सुविधा, बीएमसी के अन्य अस्पतालों में 100 बेड्स और कस्तूरबा अस्पताल में 130 बेड्स की व्यवस्था की जाएगी।

सेवन हिल्स अस्पताल को कोरोना की आशंका वाले लोगों के लिए इस्तेमाल

संबंधित अस्पताल को निर्देश दिए हैं कि आपात स्थिति पैदा होती है, तो एक दिन में बेड्स तैयार करें।फिलहाल सभी मरीज कस्तूरबा में आ रहे हैं, इसलिए यहां कुल बेड्स की संख्या बढ़ाकर 60 की जा रही है। इसे 24 घंटे में शुरू कर दिया जाएगा। ककानी ने बताया कि पहले कस्तूरबा में 28 से 60 बेड्स की सुविधा बढ़ाई जाएगी, उसके बाद इसे 130 बेड्स तक बढ़ाया जाएगा। बता दें कि आइसोलेटेड बेड्स के अलावा, बीएमसी अंधेरी स्थित सेवन हिल्स अस्पताल को कोरोना की आशंका वाले लोगों के लिए इस्तेमाल करेगी। शुरुआत में यहां 400 लोगों को रखने की व्यवस्था होगी, जबकि आगे चलकर इसे बढ़ाकर 900 किया जाएगा।

बीएमसी के अनुसार, अब तक मुंबई में कोरोना वायरस की आशंका में 128 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया जा चुका है, जिनमें से सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। भारत सरकार के आदेश के बाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर आने वाले सभी मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके लिए मुंबई बीएमसी के 40 डॉक्टरों की टीम शिफ्ट में काम कर रही है, जो आने वाले हर एक मरीज की थर्मल स्क्रीनिंग करती है। 

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