मुंबई में एचआईवी उपचार दवाओं की कमी

एक साल में तीसरी बार मुंबई में मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) की दवाओं का सामना करना पड़ रहा है। दवाओं की इस कमी के कारण मुंबई में करिब 700 से अधिक रोगियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है।

जिन मरीजों को पहली लाइन की दवाओं से फायदा नहीं होता, उन्हें दूसरी लाइन की दवाएं दी जाती हैं। इस महीने, मरीजों को केवल कुछ दिनों के लिए आपूर्ति मिली। महाराष्ट्र डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने निर्माताओं से दवाओं के शिपमेंट में देरी के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया है।

महाराष्ट्र जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी (MDACS) के प्रमुख डॉ. श्रीकला आचार्य का कहना है की इस समस्या का सामाधान 31 दिसंबर तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) एचआईवी दवाओं की खरीद करता है जो राज्यों को इसकी आपूर्ति करती है।

हालांकि, MDACS आचार्य ने कहा कि दवाओं को स्थानीय स्तर पर खरीदने की कोशिश की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, यदि रोगियों को नियमित रूप से दवाएं नहीं मिलती हैं, तो वायरस काफी बढ़ सकता है।

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