कोरोना वैक्सीन से अगर कुछ नुकसान होता है तो इसका हर्जाना कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ही देगी

केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीन (Coronavirus vaccine) बनाने वाली दोनों कंपनियों भारत बॉयोटेक (bharat biotech) और सीरम इंस्टिट्यूट (serum institute) से कहा है कि अगर किसी भी मरीज को वैक्सीन (vaccine) के डोज से किसी भी तरह का रीएक्शन या नुकसान होता है तो उन्हें ही उसका हर्जाना देना पड़ेगा।

न्यूज़ 18 की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों के साथ सरकार ने वैक्सीन खरीद का सौदा किया है। इस सौदे के मुताबिक, सीडीएससीओ/ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट/ डीसीजीआई पॉलिसी/अप्रूवल (CDSCO/Drugs and Cosmetics Act/ DCGI Policy/approval) के तहत सभी विपरीत प्रभावों के लिए ये दोनों कंपनियां ही जिम्मेदार होंगी।

दरअसल, फाइजर (Pfizer) कंपनी ने यूके (UK) के साथ जो करार किया है, उसके मुताबिक अगर कंपनियों को किसी तरह का हर्जाना देना पड़े तो उसकी भरपाई सरकार को ही देना होगा। 

फाइजर, भारत सरकार से इसी तरह का करार करना चाह रही थी। यही नहीं सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonwalla, CEO of Serum Institute) ने भी कुछ इसी तरह की मांग सरकार के सामने रखी थी। अदार ने कहा था कि, वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को सरकार से सभी कानूनी मामलों में क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। अदार के अनुसार, वैक्सीन लेने के बाद कई तरह के झूठे दावे आने लगेंगे, जिन्हें संभालना मुश्किल होगा और इससे वैक्सीन बनाने वालों का भरोसा तो डिगेगा ही, आम लोगों का भी भरोसा प्रभावित होगा।

ठीक यही सुर भारत बायोटेक ( BBIL) भी अलाप रही थी। उनका कहना था कि वो बहुत ही असाधारण परिस्थितियों में वैक्सीन बना रहे हैं, इसलिए वह सरकार से इस मोर्चे पर राहत की उम्मीद करते हैं।

लेकिन, अब साफ हो गया है कि सरकार उनकी दलीलों को सुनने के लिए तैयार नहीं हुई है और अगर किसी तरह के नुकसान की बात आती है तो उसका भुगतान कंपनियों को अपनी जेब से ही करना होगा। उच्च सूत्रों ने बताया है कि कंपनियों को सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति दिए जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

बता दें कि भारत में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो जाएगा। पहले फेज में सरकार 30 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन लगाने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनमें शुरू में मेडिकल प्रोफेशनल और फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर शामिल हैं

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