महाराष्ट्र- सरकारी कॉलेज में शुरू होगा IVF सेंटर

कई दंप्पति शादी के बाद भी बांझपन के कारण मां और पिता बनने की खुशी से वंचित रह जाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट सेंटर (IVF) शुरू करने का फैसला किया है। (Maharashtra IVF centre to start in government college)

इसके तहत सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से आईवीएफ सेंटर शुरू करने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मेडिकल कॉलेजों में आईवीएफ सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी आने की संभावना है। जो जोड़े शादी के कई साल बाद भी माता-पिता नहीं बन पाते, वे बच्चे पैदा करने के लिए तरह-तरह के विकल्प अपनाते हैं। (Mumbai news)

इतने प्रयास के बावजूद संतान न होने से वे निराश हैं। ऐसे जोड़ों के लिए आईवीएफ केंद्र एक वरदान हैं। हालांकि, आईवीएफ केंद्रों में इलाज और दवाओं का खर्च आम लोगों की पहुंच से बाहर है। उनकी लागत आम नागरिकों के लिए वहन करने योग्य नहीं है।

इसलिए, बांझपन को दूर करने वाले इस इलाज को आम लोगों की पहुंच में लाने के लिए अकोला, अंबाजोगाई, छत्रपति संभाजी नगर, चंद्रपुर, धुले, गोंदिया, जलगांव, कोल्हापुर, लातूर, मिराज, मुंबई, नागपुर, नांदेड़ में सरकारी कार्यालय, राज्य में पुणे, सोलापुर, यवतमाल मे सरकार मेडिकल कॉलेजों में आईवीएफ सेंटर शुरू करने की योजना बना रही है।

यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो राज्य के लगभग 17 मेडिकल कॉलेजों में आईवीएफ केंद्र स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इन आईवीएफ सेंटरों में मरीजों का इलाज मुफ्त या मामूली कीमत पर किया जाएगा।

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