महाराष्ट्र में पहली बार हुआ दिल और यकृत प्रत्यारोपण!

40 वर्षीय एक गृहिणी की ब्रेन डेड होने के बाद उसके अलग अलग अंगो को दान कर पांच लोगों की जान बचाई गई। दरअसल महिला घर में गिर गई थी, जिसके बाद उसे नजदीकी नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया, जिसके बाद उसे फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल जाने के बाद महिला को ब्रेन स्टेम इन्फ्रेशन का पता चला, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।

डॉक्टरों में परिजनों को दी अंगदान की सलाह

फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत महिला के परिजनो को अंगदान करने की सलाह दी, परिवार की रजामंदी के बाद महिला के अलग अलग अंगो को दोन किया गया , जिससे पांच लोगों को जिवनदान मिल सका। महिला के दिल, जिगर, गुर्दे और फेफड़ों को दान किया गया। दिल और जिगर को एक 23 साल के जरुरतमंद महिला को दिया गया जिससे उसकी जान बच सकी। फेफड़े को अपोलो चेन्नई भेजा गया, किडनी (1) को जसलोक अस्पताल और किडनी (2) को आईएनएस अश्विनी, कोलाबा भेजा गया।

डॉ एस नारायणी, क्षेत्रीय निदेशक, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड का कहना है की "ZTCC मुंबई और हमारे चिकित्सको की सहायता से इस ऑपरेशऩ को सफल बनाया गया, हम उन परिवारों के प्रति सम्मान देना चाहते है जिन्होने अंगदान किया।

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