कोरोना वायरस को रोकने के लिए बांद्रा मुंबई में हुआ सबसे आगे

मुंबई में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। धारावी (sharabi), वर्ली (worli) के बाद अब कोरोना उत्तर मुंबई (north mumbai) के कुछ इलाके कोरोना हॉटस्पॉट (Corona hotspot) के रूप में सामने आ रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी इलाके हों जो कोरोना को मात देने में सफल रहे हैं।

एच/ईस्ट (H/East) यानी बांद्रा (bandra) डिवीजन में कोरोना को रोकने में बड़ी सफलता मिली है। इस विभाग में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग, होम-आधारित ऑक्सीजन थेरेपी, क्वारंटाइन और सख्त पाबंदी जैसे कड़े नियमों के कारण कोरोना को फैलने से रोकने में बांद्रा डिवीजन सबसे आगे रही है।  एच /ईस्ट डिवीजन में कोरोना की औसत साप्ताहिक विकास दर 0.9 प्रतिशत पर आ गई है जबकि मरीजों की संख्या की दोगुनी वृद्धि दर 76 दिन हो गई है।

मुंबई में प्रतिदिन रोगियों की औसत विकास दर लगभग 1.96 प्रतिशत है। जबकि मरीजो की डबलिंग रेट यानी दुगुनी होने की दर 36 दिन है।

लेकिन इससे अच्छा प्रदर्शन बांद्रा डिवीजन का है।  इस विभाग में काम चार चरणों में किया गया।  इस इलाके में पहला मरीज 23 मार्च को पाया गया था।  उसके बाद, 23 अप्रैल तक हर दिन 20 रोगी पाए गए।

इसे रोकने के लिए BMC ने कदम उठाने शुरू किए, 24 अप्रैल से ड्रोन के जरिए विभाग की निगरानी की गई। बेहरामपाड़ा, भरतनगर और गोलीबार जैसे इलाकों में जाकर स्वास्थ्य कर्मियों ने हर नागरिक की जांच की।  सार्वजनिक शौचालयों को दिन में 5-6 बार साफ किया जाने लगा। पुलिस की मदद से पूर्ण नाकाबंदी लगाई गई। परिणामस्वरूप, यहां रोगियों की संख्या में दैनिक वृद्धि घटकर 20 हो गई, जो पहले 95 थी।

इस समय बांद्रा में 18 प्रतिबंधित क्षेत्र हैं। जबकि 160 स्थानों पर इमारतें या इमारतों के कुछ हिस्से प्रतिबंधित हैं। लोग अपने घरों से न निकलें इसके लिए पुलिस, नगरपालिका प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।

वर्तमान में एच पूर्व वार्ड में मरीजों की कुल संख्या 3182 हो गई है।  इनमें से 2284 मरीज ठीक होकर घर लौट आए हैं।  803 मरीजों का इलाज चल रहा है।

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