बेटे ने की ख़ुदकुशी, विज्ञान ने लौटाई ख़ुशी

महाराष्ट्र में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करने वाले एक आईएएस दंपत्ति ने आईवीएफ तकनीक के जरिए दो जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया है। इनके नाम मिलिंद म्हैसकरऔर मनीषा म्हैसकर हैं। पिछले साल 18 जुलाई को इनके एकमात्र 18 वर्षीय बेटे ने बहुमंजिला ईमारत से कूद कर आत्महत्या कर ली थी।

आपको बता दें कि मिलिंद म्हैसकर महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं तो उनकी पत्नी मनीषा म्हैसकर शहरी विकास विभाग में प्रमुख सचिव हैं। 

सरोगेसी मदर बनने का किया निर्णय 

बेटे को खोने के बाद हुए जीवन में आई नीरसता में फिर से ख़ुशी लाने के लिए म्हैसकर दम्पत्ति फिर से बच्चे की आस में आईवीएफ विशेषज्ञ के पास पहुंचे। दिसंबर महीने में IVF तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. जतिन शाह की मदद से मनीषा ने सरोगेसी मदर बनने का निर्णय लिया। मनीषा और मिलिंद के इस निर्णय में उनके दोस्तों ने भी उनका समर्थन किया।

जल्द ही सौंपी जाएंगी बच्चियां 

इसी महीने के पहले सप्ताह में सेरोगेसी के जरिए इस दंपत्ति ने दो जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक दोनों बच्चियां अभी अस्पताल में हैं, शुक्रवार तक इन बच्चियों को म्हैसकर दम्पत्तियों को सौंप दिया जाएगा। जीवन में आई इस नई खुशी ने बेटे को खोने के उनके गम को थोड़ा कम कर दिया है।  

इस मौके पर मनीषा ने भगवान और अपने सभी दोस्तों का आभार प्रकट किया और मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा कि साल भर पहले का समय काफी कष्टदायक था, लेकिन विज्ञान और भगवान की सहायता से हमे एक नयी जिंदगी मिली है। बच्चियों के आने से हमारा जीवन एक बार फिर खुशियों से भर गया है।

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