असमर्थ लोगों को टीका लगाने में महाराष्ट्र ने बनाया रिकॉर्ड

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बृहन्मुंबई महानगर पालिका (bmc) की तरफ से जुलाई महीने से ऐसे लोगों के वैक्सीनशन (vaccination) शुरू किया गया जो चलने फिरने में असमर्थ थे और बिस्तर पकड़ चुके हैं। ऐसे लोगों को घर घर जाकर यानी डोर टू डोर टीकाकरण (door to door vaccination drive) किया गया।

जुलाई महीने से इस तरह के कुल 8,672 रोगियों की जांच की गई। जिनमें से 17 नवंबर तक करीब 3,918 लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है।

रिपोर्ट के अनुसार, बिस्तर पर पड़े लगभग 45 फीसदी नागरिकों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। जबकि 54 फीसदी लोगों ने COVID-19 वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है।

बॉम्बे हाई कोर्ट (bombay high court) के आदेशों का पालन करते हुए, नागरिक निकाय ने टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचने में असमर्थ लोगों के लिए घर-घर टीकाकरण अभियान चलाया।

BMC के अतिरिक्त नगर आयुक्त और जन स्वास्थ्य प्रभारी सुरेश काकानी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, शुरुआत में 4,500 मरीजों ने अभियान के लिए अपना नामांकन कराया था। उसके बाद वार्ड स्तर पर मांग के अनुसार खुराक दी गई।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि, BMC ने इसके लिए कोई निर्धारित लक्ष्य तय नहीं किया था क्योंकि यह सेवा मांग पर आधारित है। कई लोगों ने वृद्धावस्था तो कईयो ने गंभीर बीमारियों के कारण घर पर टीका लगाने का विकल्प चुना।

डी वार्ड के सहायक नगर आयुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने कहा कि, वॉर रूम की तरफ से भी इस अभियान के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।

गौरतलब है कि, मुंबई ने पहले ही कोरोना वायरस (coromavirus) वैक्सीन की पहली खुराक देने के अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर लिया है।

शुक्रवार तक, आर्थर रोड जेल और भायखला जेल के कैदियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया। इस बीच बुधवार, 17 नवंबर को राज्य ने वैक्सीन की पहली खुराक के साथ 7 करोड़ नागरिकों का टीकाकरण करने का मुकाम हासिल किया, जिससे महाराष्ट्र भारत में वैक्सीन की पहली खुराक देने वाले राज्यों की सूची में दूसरा राज्य बन गया है।

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