घनसोली और शिलफाटा के बीच 4 किलोमीटर का काम पूरा - रेल मंत्री

बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत समुद्र के नीचे सुरंग लगभग 21 किलोमीटर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जिसमें 7 किलोमीटर लंबा समुद्री मार्ग भी शामिल है। महाराष्ट्र में घनसोली और शिलफाटा के बीच 4.8 किलोमीटर में से 4 किलोमीटर का हिस्सा पूरा हो चुका है। (4 km undersea stretch between Ghansoli and Shilphata is completed, says Railways Minister)

एलिवेटेड वायडक्ट्स, प्रमुख नदी पुलों, स्टेशन भवनों और सुरंगों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कुल 393 किलोमीटर पियर निर्माण, 311 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग सुपरस्ट्रक्चर और 333 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है। कुल 127 किलोमीटर वायडक्ट्स ट्रैक ठेकेदार को सौंप दिए गए हैं। रेल बिछाने और ओवरहेड इक्विपमेंट मस्तूलों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। गुजरात में एकमात्र सुरंग का काम पूरा हो गया है।

वापी और साबरमती के बीच कॉरिडोर का गुजरात वाला हिस्सा दिसंबर, 2027 तक पूरा होने की योजना है। पूरी परियोजना बीकेसी से साबरमती खंड दिसंबर, 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है। हालाँकि, बुलेट ट्रेन परियोजना एक बहुत ही जटिल और तकनीकी रूप से गहन परियोजना है।

परियोजना के पूरा होने की सटीक समय-सीमा और लागत का अनुमान सिविल संरचनाओं, ट्रैक, विद्युत, सिग्नलिंग और दूरसंचार तथा ट्रेनसेट की आपूर्ति से जुड़े सभी संबंधित कार्यों के पूरा होने के बाद ही लगाया जा सकता है।बुलेट ट्रेन गुजरात, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली से होकर गुज़रेगी, जिसके मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशन बनाए जाने की योजना है।

508 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना जापान सरकार की तकनीकी और वित्तीय सहायता से निर्माणाधीन है। एमएएचएसआर परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 1,08,000 करोड़ रुपये है। 30.06.2025 तक इस परियोजना पर 78,839 करोड़ रुपये का संचयी वित्तीय व्यय हो चुका है।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने 6 अगस्त को लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में दी।

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