एसआरए के भ्रष्ट अधिकारियों के चलते कई लोगो का घर लेने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। एसआरए का एक बड़ा घोटाला मुंबई लाइव के हाथ लगा है। 2011 से एसआरए को मोरदानी रियल्टी नामक बिल्डर की ओर से 230 घर मिलने थे। लेकिन एसआरए के आला अधिकारियों और बिल्डरो की मिली भगत के चलते एसआरए को यह 230 फ्लैट अभी तक नहीं मिले है।
क्या है पूरा मामला -
विकास नियंत्रण कानून 33(14) डी के तहत परमानैंनट ट्रजिंत कैप के बदले 2.5 एफएसआय की प्लॉट विकासक को मिलता है। जिसके हिसाब के मोरदानी रियल्टी को एसआरए को पीटीसी मतलब (परमानें ट्रजिंट कैंप) बनाकर देना था। लेकिन विकासक ने एसआरए को एक भी पीटीसी नही दी।
मुंबई में कहा है मोरदानी रियाल्टी के प्रोजेक्ट -
१) जी-610 , विलेज बांद्रा , 15वां खार रोड , खार (प)- 22
२) ई-144, प्लॉट क्रं. 680 विजेल बांद्रा, 16वां खार रोड , खार (प) 17+6
3)इ 170 , विलेज बांद्रा, 16वां रोड खार पश्चिन - २९
4) विलेज बांद्रा ,एफ पी नं. 33 और 335 टी.पी.एस III, 16वां रोड, खार (प)-26
5) इ 388 , विलेजद बांद्रा 16वां रोड खार, पश्चिम - २२
जब इस बारे में गृहनिर्माण राज्य मंत्री रविंद्र वायकर से संपर्क किया गया तो उन्होने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की इस विकासक ने 2011 से एसआरए को कई बार चूना लगाया है। विकासक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए गए है।
इस बारे में मोरदानी रियल्टी ले किसी भी प्रकार से संपर्क नहीं हो पाया।