खतरनाक इमारतों को खाली करने के बाद उन्हे तोड़ेगी म्हाडा

किसी भी मानवीय त्रासदी से बचने के लिए, महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) के उपक्रम मुंबई बिल्डिंग रिपेयर्स एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड (MBRRB) ने खाली होते ही खतरनाक इमारतों को ध्वस्त करने का फैसला किया है। इस निर्णय पर फिलहाल विचार किया जा रहा है।   एमबीआरआरबी के चेयरमैन विनोद घोसालकर का कहना है की "फिलहाल हम इसकी योजना बना रहे है और जल्द ही इसे प्राधिकरण की अगली बैठक में रखा जाएगा।  इससे आसपास की इमारतों में रहनेवालों पर मंडरा रहे खतरे भ कम हो जाएंगे।

क्रॉफर्ड मार्केट में स्थित यूसुफ बिल्डिंग के एक हिस्से के मंगलवार की रात ढह जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। एहतियात के तौर पर, मुंबई फायर ब्रिगेड ने आस-पास के द्वारकादास भवन को भी खाली कर दिया। स्थानीय निवासियों द्वारा प्रतिरोध और खतरनाक संरचनाओं से बाहर निकलने से इंकार करने के कारण, निष्कासन में देरी होती है। इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए, मरम्मत बोर्ड  के अधिकारी विध्वंस के समय अंतराल को कम करने की योजना बना रहे हैं।

मुंबई में, 15,000 से अधिक सेस इमारतें हैं। घोसालकर ने कहा कि एमबीआरआरबी द्वारा मानसून से पहले जिन इमारतों को सालाना खतरनाक घोषित किया जाता है, उन्हें ढहाने का नीतिगत फैसला लिया जाएगा।
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