सीएसएमटी और यूनेस्को विश्व हेरिटेज इमारत की मरम्मत का कार्य करेगी रेलवे

ऐतिहासिक संरचनाएं हमारी विरासत का प्रतीक हैं और इन संरचनाओं को बचाए रखना हमारी और हमारे प्रशासन की जिम्मेदारी है। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के पुनर्स्थापन कार्य के साथ यूनेस्को द्वारा प्रमाणित एक विरासत भवन की मरम्मत का कार्य जल्द ही रेलवे द्वारा शुरु किया जाएगा।

सीढ़ियों को भी बदला जाएगा

विरासत भवन के भूतल पर निर्माण कार्य बोरी बंदर के पास, दक्षिण की तरफ स्टेशन के प्रवेश द्वार की बहाली के साथ शुरू हुआ है। फिलहाल खिड़कियों, कांच के पैनल और दरवाजे की मरम्मत का कार्य इसमे शामिल किया गया है। क्षतिग्रस्त संरचनाओं के साथ लकड़ी की सीढ़ियों को भी बदला जाएगा।

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मध्य रेलवे के एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक मरम्मत का कार्य शुरु कर दिया गया है लेकिन इस मरम्मत का कार्य पूरा होने में लगभग एक साल तक का समय लग सकता है। इसके साथ ही उन्होने कहा की विरासत होने के कारण संरचना में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

इस काम के लिए रेलवे की ओर से 41 करोड़ रुपये के फंड जारी किये गए है।

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