साल 2021 में देश दुनिया का हाल कैसा रहेगा, जानें एस्ट्रोलॉजर आशाबेन शाह से

फेमस एस्ट्रोलॉजर आशाबेन शाह (astrologer ashaben shah) ने साल 2020 की शरुआत में ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि, इस साल पूरी दुनिया किसी बीमारी से ग्रसित रहेगी, और परिणाम आपके सामने है।

इस साल के लिए भी आशाबेन ने भविष्यवाणी की है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा....

भारत (india) द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) का लाभ दुनिया को होगा। राहु ग्रह अपने पृथ्वी तत्व के कारण वृषभ राशि में होगा, जिससे विचित्र परिस्थिति निर्माण होंगी।मानव अपने कृत्यों के कारण कुदरती आफत का सामना सारा संसार करेगा। देश विदेश नीति उथल पुथल रहेगी। अमेरिका का internstional court of justice भारत में आने की संभावना जो सकती है। कहीं अधिक गर्मी तो कहीं अधिक ठंडी पड़ेगी। अग्निकांड, भूकंप, बारिश, सूखा, सुनामी की संभावना। फसल को नुकसान पहुंचाने वाले जीव का हो सकता है प्रकोप। ऊंट, हाथी, घोड़ा, गाय, बैल, पशु, पक्षी हो सकते हैं परेशान। 

शनि और गुरु का गठबंधन दबे हुए कल्पना के कार्यों को बाहर लाएगी। फ़िल्म जगत में और भी खुलासे होंगे। धार्मिक और सात्विक लोगों को लाभ, लोग नीति और न्याय के रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होंगे। 

नागपुर, जालंधर में विग्रह का वातावरण बनेगा, महाराष्ट्र, बंगाल में सत्ता परिवर्तन होगा। प्रजा में दंगे, फसाद, चोरी, लूटपाट,, रेप, मर्डर जैसे अपराध बढ़ेंगे। राज्य के नेताओं में अंतर्विरोध बढ़ेगा।राजस्थान में बीमारी बढ़ेगी।

11 फरवरी को मकर राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और प्लूटो जैसे 7 ग्रह एक साथ आने के बाद 3 महीने तक भयंकर स्थिति बन सकती है। शुक्र और मंगल के एक साथ आने से सेवक, सेविकाओं पर अत्याचार, दुराचार और व्यभिचार बढ़ेंगे।

विद्वान, ब्राह्मण, पंडित, किसान, व्यवसायी, सेठ, ज्योतिष, नाविक, कुम्हार और साधु संत जाति के लोगों को कष्ट उठाना पड़ सकता है। छोटे बच्चों की बीमारी फैल सकती है। किसी महापुरुष का वियोग सहना पड़ सकता है।

साथ ही गणमान्य व्यक्तियों जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि को कष्ट पहुंच सकता है। नए क़ानूनो से राज्य की तिजोरी भरेगी, लेकिन दूसरी तरफ खर्चा भी बढ़ेगा।

शेयर मार्केट में मंदी रहेगी। मोटर वाहन, हीरा उद्योग और क्रूड ऑयल में तेजी रहेगी साथ ही सोना, चांदी, तांबा, पीतल, महंगे होंगे।

विचित्र परिस्थिति होने के बाद भी चंद्रदर्शन उत्तर कोण में होता रहेगा, जिससे उसका शुभ परिणाम देखने को मिल सकता है। ग्रहण के अशुभ असर से मुक्त होने के कारण भारत के नेताओं और प्रजा में आपस में सुलह के आसार बने रहेंगे। भारत नवनिर्माण करेगा। नए नए रोजगार और धंदे को वेग मिलेगा।

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