कोरोना महामारी को देखते हुए महाराष्ट्र में मानसून सेशन को अगस्त तक किया गया स्थगित

महाराष्ट्र सरकार ने 22 जून से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र को स्थगित करने का फैसला किया है। हालांकि, महाराष्ट्र में कोरोनो वायरस (Coronavirus) के प्रकोप को देखते हुए 3 अगस्त से मानसून सत्र का फिर से शुरू किया जाएगा।

बुधवार को महाराष्ट्र विधायिका की व्यावसायिक सलाहकार समिति (BAC) की बैठक के बाद इस निर्णय की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) और डिप्टी सीएम अजीत पवार (ajit pawar) दोनों ने कहा कि 22 जून को मानसून सत्र आयोजित करना संभव नहीं होगा।

इस विषय पर पवार ने कहा कि, कोरोनो वायरस (Covid-19) के प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि राज्य में 30 जून तक देशव्यापी तालाबंदी (lockdown) लागू है, राज्य में भी एक जिले से दूसरे जिले में आने-जाने की अनुमति नहीं है। इससे नेताओं, कर्मचारियों सहित अन्य संबंधित सदस्यों के लिए मुंबई में विधान भवन की यात्रा करना मुश्किल हो जाएगा।

हालांकि, पवार ने कहा कि पूरक मांगों को पूरा करने के लिए 3 अगस्त को एक दिन का विशेष सत्र का आयोजन किया जा सकता है।

इससे पहले भी कोरोना के कारण 14 मार्च को बजट सत्र स्थगित कर दिया गया था और कम से कम एक सप्ताह का समय घटा दिया गया था।

इंग्लिश न्यूज़ पेपर फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़नवीस (devendra fadnavis) ने इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को अपना समर्थन दिया है।  उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को तीन अगस्त से पहले पूरक मांगों को पारित करने के लिए एक दिवसीय सत्र का आयोजन किया जाना चाहिए।

हालांकि, फड़नवीस ने यह भी कहा कि, कोरोनो वायरस के प्रकोप के बीच विधायकों की उपस्थिति को अनिवार्य नहीं 

किया जाना चाहिए। उनकी इस मांग को लेकर डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा के लिए प्रयास कर रहे हैं ताकि विधायक सदन की कार्यवाही में भाग ले सकें।

अगली खबर
अन्य न्यूज़