अश्विनी बिद्रे मर्डर केस: आरोपी कुरुंदकर से वापस लिया जायेगा रष्ट्रपति मेडल

महिला पुलिस अधिकारी अश्विनी बिद्रे-गोरे की हत्या के मामले में पुलिस निरीक्षक अभय कुरुंदकर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह मुद्दा शुक्रवार को विधान परिषद् में भी उठा। राज्यमंत्री रणजित पाटील ने बोलते हुए कहा कि अभय कुरुंदकर पर कार्रवाई कर उसे उसके पद से भी हटाया जायेगा और उसे मिला राष्ट्रपति पुरुस्कार भी उससे वापस जाएगा। आपको बता दें कि सहायक पुलिस निरीक्षक अश्विनी बिद्रे नवी मुंबई पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में तैनात थी।

सदन में भी उठा मुद्दा 

इस जघन्य हत्याकांड पर एनसीपी के विधायक हेमंत टकले ने सवाल उठाया जिस पर राज्य गृहमंत्री उत्तर दे रहे थे। पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि बिद्रे के घर से कई सबूत मिलें हैं जिनकी जांच फोरेंसिक लैब में की जा रही है। 31 जनवरी 2017 को अभय कुरुंदकर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और 7 दिसंबर 2017 को उसे गिरफ्तार किया गया था और आठ दिन के अंदर उसे सेवा से निलंबित कर दिया गया। 

क्या था मामला?

स्पष्ट रहे कि  अश्विनी बिद्रे-गोरे की 14 जुलाई 2016 को हत्या कर दी गयी थी। उसकी हत्या के बाद उसके शव को लकड़ी काटने वाली मशीन से कई टुकड़े कर एक ट्रंक में वजनदार धातुओं के साथ रखकर वसई खाड़ी में फेंक दिया गया था। इस मामले में अभी तक पुलिस निरीक्षक अभय कुरुंदकर, वाहन चालक कुंदन भंडारी, उसके दोस्त राजेश पाटील और महेश पलनिकर को गिरफ्तार किया है। और वसई खाड़ी शव को ढूंढने का कार्य जारी है लेकिन अभी तक पुलिस को कोई सलफलता नहीं मिली है।

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