कोरोना की लहर फिर न लौटे लोगों को सतर्क रहना होगा: उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav Thackeray) ने मुंबई में कोरोना वायरस (Coronavirus in mumbai) की रोकथाम और मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं और बीमारियों को लेकर बीएमसी (BMC) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उद्धव ने कहा कि, कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए मुंबई जैसे शहर पर दुनिया भर की नजरें हैं, लेकिन कोरोना वायरस (Covid-19) के प्रसार को रोकने के लिए मुंबई कड़ी मेहनत कर रहा है।  दुनिया भर में निरीक्षण शुरू हैं कहा जा रहा है कि, कोरोना की एक दूसरी लहर आ सकती है। लेकिन यह दूसरी लहर तभी आएगी जब हम बेखबर बेखबर हो जाते हैं, तो आइए अधिक सतर्क रहें। हम ऐसा प्रयत्न करें कि मरीजों की संख्या में कमी आए।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM uddhav thackeray)  ने कहा, मुंबई में कोरोना वायरस के संकट को नियंत्रित करने के लिए सभी दिन रात मेहनत कर रहे हैं। इस काम को WHO और वाशिंगटन पोस्ट (Washington Post) ने भी सराहा है। वाशिंगटन पोस्ट ने सराहना करते हुए कहा है कि, आप किसी भी जानकारी को छिपाते नहीं हैं। इस सराहनीय स्थिति में भी, अब हमारी परीक्षा है।

दुनिया भर में जिस तरह की स्थिति बनी है, उसे देखते हुए कोरोना की एक दूसरी लहर के आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। लेकिन दूसरी लहर तभी आती है जब हम लापरवाह होते हैं। तो आइए अधिक सतर्क रहें। मरीज़ों के ग्राफ को कम करने का प्रयास करते हैं। ऐसी कार्य करते हैं कि अस्पताल में मरीज कम संख्या में दिखें।

शुरू में कोरोना शहर में था लेकिन अब यह ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रहा है।  राज्य के अन्य हिस्सों में भी इन सुविधाओं के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, धीरे-धीरे हम मुंबई खोल रहे हैं।  इसके लिए किसी का दबाव लेने के बजाय हम हर किसी के अनुभव से मुंबई को सबसे आगे लाना चाहते हैं।  वैक्सीन के आने तक, स्वास्थ्य सुविधाओं के संदर्भ में कुछ और चीजें हासिल की जानी हैं।

मुख्यमंत्री ने मुंबई में नाले सफाई और मानसून में फैलने वाली महामारी को रोकने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा, हर साल नाला सफाई का काम किया जाता है लेकिन कुछ दिनों बाद नाले में फिर से कचरा भर जाता है। लेकिम अब आपकी टीम कोरोना की खातिर बाहर है तो उन्हें इस कचरे पर भी नज़र रखनी होगी।

उद्धव ने आगे कहा, हमें मुंबई की जर्जर इमारतों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।  सुनिश्चित करें कि नागरिकों की पुनर्वास जैसी सहायक सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो।

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