'बीजेपी को मनसे की कोई जरूरत नहीं है'


महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने अपनी आइडियोलॉजी में एक बड़ा बदलाव करते हुए हिंदुत्व को अपना लिया है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने हाल ही में महाअधिवेशन के कार्यक्रम में  भगवा ध्वज को भी लॉन्च किया। इसके बाद यह अटकलें लगनी शुरू हो गयीं कि शायद महाराष्ट्र की राजनीती में अब बेजीपी के साथ मनसे भी दिखाई पड़ सकती है। इस अटकलों को बल उस समय भी मिला जब पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर मनसे अपने विचारधारा में बदलाव करती है तो हम साथ आ सकते हैं।

लेकिन अब सुधीर मुनगंटीवार ने अपन वह बयान बदल लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को एमएनएस की जरूरत नहीं है और राज ठाकरे की पार्टी से गठबंधन करने का हमें अभी तक कोई प्रस्ताव भी नहीं आया है।

 सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, भाजपा की नीति समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर चलने की है। बीजेपी को MNS की जरूरत नहीं है।

लेकिन अभी हाल ही में मनसे ने CAA और NRC पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि वह  CAA और NRC के खिलाफ है, लेकिन भारत में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को बाहर करना चाहिए। 

मनसे के पहले महाअधिवेशन के पहले राज ठाकरे और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच एक मीटिंग हुई थी, बताया जाता है कि उसी मीटिंग के बाद राज ने महाअधिवेशन किया और भगवा विचारधारा को अपनाने की बात सबके सामने रखी.

 इसी महाअधिवेशन में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती के अवसर पर, अमित ठाकरे - राज ठाकरे के पुत्र - को MNS नेता के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा मनसे ने पने मंच में बाबा आंबेडकर की फोटो के साथ हिंदुत्व के विचारक विनायक दामोदर सावरकर की फोटो भी रखा था और राज ठाकरे ने अपने भाषण की शुरुआत हिंदू भाईयो और बहनों के साथ शुरू किया, जो काफी चर्चा में आया था।

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