शरद पवार के कहने पर ही वाधवान बंधुओं को दिया गया लेटर, BJP नेता का आरोप

लॉकडाउन पीरियड का उल्लंघन करके मुंबई से महाबलेश्वर गए वाधवा बंधुओं का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी लगातार उद्धव सरकार से सवाल दाग रही है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इसी मामले में एनसीइपी प्रमुख शरद पवार का नाम लिया है। सोमैया ने कहा है कि, शरद पवार और वाधवान बंधुओं के संबंध जगजाहिर हैं। लॉकडाउन के समय किसके कहने पर वाधवान परिवार को लेटर जारी किया गया यह बताने की जरूरत नहीं है।

मीडिया से बात करते हुए सोमैया ने कहा, यस बैंक और DHFL घोटाले के मामले में, वाधवा बंधु, जो की इस समय जमानत पर हैं, उन्हें लेटर देने वाले गृहसचिव अमिताभ गुप्ता (principal Seceratery amitabh gupta) को तत्काल छुट्टी पर भेज दिया गया। वैसे भी, शरद पवार के मंजूरी के बिना वाधवान परिवार को गृह सचिव से अनुमति लेना असंभव है।

इस बीच, सोमैया ने अमिताभ गुप्ता के खिलाफ मुलुंड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के संस्थापक वाधवान बंधु महाराष्ट्र में लॉकडाउन होने पर भी अपने परिवार और नौकरों के साथ यानी कुल 23 सदस्यों को लेकर महाबलेश्वर गए ।

वहां जाने के बाद जब स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया तो यह मामला सामने आया। इसके बाद वाधवान परिवार की तरफ से अमिताभ गुप्ता द्वारा दिया गया अनुमति पत्र दिखाया गया।

इस पत्र में, वाधवान भाइयों को 'मेरे पारिवारिक मित्र' के रूप में उल्लेख किया गया था और उन्होंने अपनी तीन 5 वाहनों के लिए एक विशेष पास जारी किया था।  

साथ ही यह भी उल्लेख किया गया था कि सभी आवश्यक कारणों से खंडाला से महाबलेश्वर जाना चाहते थे।

इस मामले में याब बीजेपी महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफा देने की मांग कर रही है। इस मामले में विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर का कहना है कि, जहाँ एक तरफ इस लॉकडाउन में सभी घर के अंदर बन्द हैं तो बिना गृह मंत्री की सूचना के इतने लोग इतने बड़े परिवार के कैसे मुंबई से महाबलेश्वर जा सकते हैं।

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