बीजेपी को विरोध पसंद है...!

मुंबई - बीएमसी में शिवसेना के 84 नगरसेवक चुनकर आए हैं, वहीं पांच निर्दलीय नगरसेवकों ने शिवसेना को समर्थन दिया है। चार निर्दलीय नगरसेवकों ने अधिकृत और मुमताज खान ने पर्दे के पीछे से समर्थन दिया है। इस तरह से बीएमसी में शिवसेना की संख्या 89 हो गई है। बीएमसी में कांग्रेस के 31 नगरसेवक चुनकर आए हैं। अगर शिवसेना को कांग्रेस का समर्थन मिल जाए तो शिवसेना की संख्या 120 हो सकती है। पर कांग्रेस शिवसेना, बीजेपी दोनों को ही समर्थन देने से इंकार कर रही है। जिसकी वजह से शिवसेना की संख्या 89 ही रह जाती है। दूसरी तरफ एसपी और एमआयएम इन दोनों पार्टियों ने भी समर्थन देने से इंकार किया है।

अगर मनसे की ओर नजर डाले तो मनसे के इस बार बीएमसी में 7 ही नगरसेवक चुनकर आए हैं। फिर भी मनसे किसको समर्थन देती है, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। अगर मनसे बीजेपी को समर्थन देती है तो बीजेपी संख्या 82 से बढ़कर 89 हो जाएगी। अगर ऐसा होता है तो शिवसेना और बीजेपी 89-89 के आंकड़ों में आकर खड़े हो जाएंगी। अगर मनसे बीजेपी को समर्थन नहीं देती है तो शिवसेना को बीएमसी में अपना मेयर बैठाने में थोड़ा आसानी हो सकती है। मनसे का समर्थन बीएमसी में काफी निर्णायक साबित हो सकता है। अगर सूत्रों की मानें तो बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि वे शिवसेना के साथ नहीं जाएंगे, वे विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे।

अगर शिवसेना बीएमसी में बहुमत साबित करती है तो उनकी ओर से मंगेश सातमकर, यशवंत जाधव, आशिष चेंबूरकर इन अनुभवियों के साथ महिलाओं में राजुल पटेल, किशोरी पेडणेकर, शुभदा गुडेकर और विशाखा राऊत का नाम मेयर की लिस्ट में ऊपर है। वहीं बीजेपी से मनोज कोटक और राम बारोट के नाम भी लिस्ट में ऊपर हैं।




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