flashback 2019: मुंबई के कुछ चर्चित राजनीतिक हड़ताल, जिससे मुंबईकर हुए प्रभावित

साल 2019 बितने को है और नया साल 2020 का स्वागत करने के लिए लोग तैयार हैं। साल 2019 में ऐसी बहुत सी राजनीतिक घटनाएं हुई जिनका मुंबई और मुंबईकरों पर भी प्रभाव पड़ा। इस रिपोर्ट के जरिए हम कुछ चुनिंदा और बड़ी राजनीतिक घटनाओं पर प्रकाश डालेंगे। 

गुर्जर आंदोलन

साल की शुरुआत में ही गुर्जर आंदोलन के कारण उन मुंबईकरों को परेशानी झेलनी पड़ी जो दिल्ली और मुंबई ट्रेन से सफर करते हैं। हरियाणा और दिल्ली सहित अन्य इलाकों में भीगुर्जर आरक्षण की मांग पर आंदोलन कर रहे थे। यह आंदोलन हिंसक रहा। कई जगहों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाया गया तो कई जगहों पर रेल जाम कर दिया गया, जिसका असर रेल यातायात पर भी पड़ा। दिल्ली-मुंबई रुट पर कई ट्रेनें बाधित हुई, जिसकी वजह से कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कई ट्रेनों के रुटों को बदलना पड़ा।

रेसीडेंसी डॉक्टरों की हड़ताल  

इस साल रेसीडेंसी डॉक्टरों की हड़ताल ने भी काफी सुर्खियां बटोरी। ये डॉक्टर अपने मानदेय को बढ़ाने, अपनी सुरक्षा, रहने के लिए अच्छी व्यवस्था जैसे अन्य मांगों को लेकर कॉलेज परिसर, अस्पताल परिसर सहित आजाद मैदान में मोर्चा निकाला था। कुछ अस्पताल के लोग हाथ में काली पट्टी बांध कर काम कर रह थे तो कुछ अस्पताल के इंटर्न डॉक्टर काम पर ही नहीं जा रहे थे। इस रेसीडेंसी डॉक्टरों की हड़ताल से कई मरीजों को समस्या का सामना करना पड़ा था।

शरद पवार के खिलाफ नोटिस

अभी कुछ महीने पहले ईडी ने एनसीपी सुप्रीमों शरद पवार के खिलाफ नोटिस जारी कर उन्हें पेश होने के लिए कहा था। ईडी के इस नोटिस के बाद एनसीपी सहित अन्य पार्टियों ने भी विरोध दर्ज कराया। मुंबई सहित आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी। आखिरकार मामले की गंभीरता को देखते हुए ईडी ने अपनी नोटिस को वापस लेना पड़ा। इसके बाद मुंबई तनाव रहित हुई।

BEST कर्मचारियों की हड़ताल 

बेस्ट कर्मचारी अप्रैल 2016 से ही लंबित पड़े वेतन को लेकर सातवें आयोग को लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही इनकी मांगों में बेस्ट के बजट को बीएमसी के बजट में विलीन करनाबीएमसी कर्मचारियों की तरफ इन्हें भी बोनस और अतिरिक्त फंड देने जैसे मुद्दे शामिल हैं। इस हड़ताल से बेस्ट की बसें सड़कों से गायब हो गयीं थीं, जिसके बाद आम लोगों को आने जाने के लिए काफी मशक्क्त करनी पड़ी थी। हड़ताल के बाद आखिर बीएमसी ने इनकी मांगों पर ध्यान देने की बात कही।

आरे: पेड़ काटने के खिलाफ हड़ताल 

मुंबई में मेट्रो-3 का काम चालू है। मेट्रो-3 का कारशेड आरे में बनने के लिए प्रस्तावित है। इस कारशेड के लिए लगभग 2500 से अधिक पेड़ काटे गए। पेड़ों को काटने के खिलाफ कई पर्यावरणविद, कई सामाजिक कार्यकर्ता, गैर सरकारी संगठन सहित बॉलीवुड की हस्तियां और हजारों लोग इसके खिलाफ उतर आईं। आरे मुद्दा इतना गरमाया कि,मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय बन गया। आखिर कोर्ट ने पेड़ काटने पर रोक लगा दी और सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने भी पेड़ काटने पर रोक लगा दी। इस हड़ताल में मुंबईकरों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था।

PMC आंदोलन 

पंजाब महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में घोटाला होने के बाद से हजारों की संख्या में पीड़ितों की संख्या सामने आने लगी। इस घोटाले के कारण 10 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस घोटाले के खिलाफ PMC कर्मचारी सड़क से लेकर आज़ाद मैदान और बैंकों के बाहर सभी जगह धरना आंदोलन करने लगे। पीड़ितों की संख्या मुंबई सहित ठाणे, नवी मुंबई  और पालघर में थी। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. मामला कोर्ट में अभी तक पेंडिंग है। 

CAA और NRC आंदोलन 

केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए CAA और NRC के खिलाफ देश भर में हिंसक प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन से मुंबई भी अछूती नहीं रही। मुंबई के कई इलाकों में CAA और NRC के खिलाफ मोर्चा प्रदर्शन निकाला गया। साथ ही अगस्त क्रांति मैदान में भी लोगों की भारी भीड़ भी जुटी थी। इस कानून के खिलाफ सभी राजनीतिक पार्टियों ने भी आंदोलन मोर्चा निकाला। यही नहीं शुक्रवार को भी आजाद मैदान में इस कानून के खिलाफ लोग फिर से आंदोलन किया।

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