पालघर मॉब लिंचिंग(palghar mob lunching) घटना को लेकर कांग्रेस (congress) ने बीजेपी (BJP) पर धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत (sachin sawant) ने कहा कि, पालघर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन बीजेपी इस घटना का धार्मिक राजनीति करने की पूरी कोशिश कर रही है। भाजपा के नेताओं को शर्म आनी चाहिए। जो लोग पिछले 5 सालों से सत्ता में थे, अपने समय मे वे ऐसी घटनाओं को नहीं रोक पाए और आज इस पर राजनीति कर रहे हैं।
पालघर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद से भाजपा धार्मिक राजनीति करने की पूरी कोशिश कर रही है। भाजपा को इस पर शर्म आनी चाहिए। यह गंभीर है कि जो लोग पिछले 3 वर्षों से सत्ता में हैं या जो वर्ष से पहले राज्य में पालघर या अन्य घटनाओं को प्रतिबंधित नहीं कर पाए हैं, यह गंभीर है!
सावंत ने कहा, पालघर के उस इलाके में जहां यह घटना घटी वहां ऐसी अफवाह थी कि, कुछ मुस्लिम साधू के वेश में घूम रहे हैं और वे बच्चों का अपहरण कर उनकी किडनी निकाल कर बेच देते हैं। साथ ही कुओं में थूक कर कोरोना फैला रहे हैं।
सावंत ने आगे कहा, देश में कौन है जो इस तरह की अफवाह को फैला कर किसी विशेष समुदाय को हिंसक बनाने की कोशिश कर रहा है? यह भयावह है कि साधुओं को देखने के बाद भी भीड़ नहीं रुकती है। इन अफवाहों के पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए।
सचिन सावंत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, मॉब लिंचिंग का गढ़ रहने वाले यूपी के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस घटना के बाबत फोन करते हैं।
लेकिन 'गडचिंचल' ग्राम पंचायत भाजपा का गढ़ है और पिछले 10 सालो से वहां भाजपा का सरपंच है। वर्तमान में बीजेपी की चित्रा चौधरी वहां सरपंच हैं। और गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग बीजेपी से हैं।
इस मामले में विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने उद्धव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि,पालघर मे हुआ मॉब लिंचिंग का मामला घृणित है। यह शर्म की बात है कि जिस तरह से लोगों को पुलिस के सामने डंडों से पीटा गया और पुलिस कुछ नहीं कर रही थी। क्या महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था है? यह घटना सवाल पैदा कर रही है। इससे यह भी सवाल उठता है कि पुलिस किसके दबाव में काम कर रही है? इसलिए, हम मांग करते हैं कि तुरंत एक उच्च स्तरीय जांच की जाए।