भाजपा नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया (kirit somaiya) ने सनसनीखेज दावा किया है कि करीब आधा दर्जन कोरोना से मृत मरीजों की डेडबॉडी अस्पताल से गायब है। इस दावे के बाद हड़कंप मच गया है।
मलाड इलाके में रहने वाले 80 वर्षीय निवासी को कोरोना के कारण शताब्दी अस्पताल (shatabdi Hospital)में भर्ती कराया गया था। लेकिन वह सोमवार सुबह से गायब हो गए। बाद में उसका शव मंगलवार सुबह बोरीवली स्टेशन के बाहर मिला। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण उनके दादा की मृत्यु हुई है।
घटना के बाद, मुंबई के मेयर किशोरी पेडणेकर (kishori peene kar) और BMC स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अमेय घोले (aney bhole) ने शताब्दी अस्पताल जाने का ऐलान किया। घोले ने कहा, इस घटना को देखते हुए कार्रवाई करने का निर्णय लिया जाएगा।
इस पर टिप्पणी करते हुए किरीट सोमैया ने BMC के अस्पतालों के प्रबंधन पर गंभीर सवालिया निशान उठाए हैं। सोमैया के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में, BMC के विभिन्न अस्पतालों से एक ही तरीके से आधा दर्जन से अधिक मृत कोरोना रोगियों के शरीर खो गए हैं या गायब हो गए हैं।
इस संबंध में, किरीट सोमैया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (health minister rajesh tope) और गृह मंत्री अनिल देशमुख (home minister anil deshmukh) को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में, उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ दिनों से मुंबई के अस्पताल से आधा दर्जन शव गायब हुए हैं। इस पत्र में, उन्होंने जिन अस्पतालों से मरीजों के शव लापता हुए हैं उन अस्पताल के नामों का उल्लेख भी किया है। जो इस प्रकार है:
केईएम अस्पताल- परेल, राजावाड़ी अस्पताल- घाटकोपर, शताब्दी अस्पताल- कांदिवली, नायर अस्पताल- वर्ली, सायन अस्पताल - सायन और ट्रॉमा केयर अस्पताल- जोगेश्वरी के नामों का उल्लेख किया है। किरीट सोमैया ने पत्र में इस बाबत उचित कार्रवाई करने का भी अनुरोध किया है।
BMC ने दी सफाई
इस मामले में सफाई देते हुए BMC ने कहा कि, मीडिया में आरोप लगाए जा रहे हैं कि बीएमसी के विभिन्न अस्पतालों से अब तक 6 शव लापता हो चुके हैं। हालांकि, ये शव गायब नहीं हुए हैं।
केईएम, नायर, सायन, जोगेश्वरी ट्रॉमा, कांदिवली शताब्दी अस्पतालों से संबंधित मामलों को सुलझा लिया गया है।
ऐसा मुख्य रूप से रिश्तेदारों के साथ संपर्क में कमी या रिश्तेदारों के साथ देर से संपर्क के कारण हुईं। 6 में से 5 मामलों में, शवों की पहचान कर ली गई है, रिश्तेदारों को सूचित कर दिया गया है या दिशानिर्देशों के अनुसार पुलिस प्रशासन के साथ उचित कार्रवाई की गई है।