मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन (bandra railway station) के बाहर लॉकडाउन नियम को तोड़ कर हजारों अप्रवासी मजदुरों के जमा होने के मामले में मुंबई पुलिस ने उत्तर भारतीय संघ के अध्यक्ष विनय दुबे गिरफ्तार किया। दुबे पर आरोप है कि इसने सोशल मीडिया के माध्यम से ही लोगों को सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए उकसाया। दुबे अक्सर मजदूरों के उनके गांव जाने को लेकर वीडियो पोस्ट करते हैं। कोर्ट ने विनय दुबे को 21 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
इसी बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ विनय दुबे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, बताया जा रहा है कि विनय दुबे MNS के नेता हैं। लेकिन एमएनएस महासचिव कीर्ति कुमार शिंदे ने बचाव करते हुए कहा कि विनय दुबे और एमएनएस का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
मनसे के महासचिव कीर्तिकुमार शिंदे ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से बताया कि, विनय दुबे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का आपस मेे कोई लेना-देना नहीं है। शिंदेे नेे कहा कि एक बार दुबे ने उत्तर भारतीयों के एक कार्यक्रम में राज ठाकरे को आमंत्रित किया था।
शिंदे ने कहा, बांद्रा की घटना, दुबे और मनसे को एक दूसरे से जोड़ना गलत है।
आपको बता दें कि 7 दिसंबर 2018 में विनय दुबे ने उत्तर भारतीय महासभा के अध्यक्ष के तौर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें MNS अध्यक्ष राज ठाकरे को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। उस रैली को संबोधित करते हुए, राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के लिए अपनी भूमिका स्पष्ट की थी।
उसी समय, विनय दुबे ने राज ठाकरे के साथ कुछ फोटो खींच ली थी, जिसे बाद में उसने अपने फेसबुक अकाउंट में अपलोड किया था।
इतना ही नहीं, विनय दुबे ने कल्याण लोकसभा क्षेत्र से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। इस चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार वह डॉ. श्रीकांत शिदे से हार गया था।
गौरतलब है कि विनय दुबे मुंबई में रहने वाले उत्तर भारतीयों के स्वयंभू नेता हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले दुबे नवी मुंबई के एरोली में रहते हैं, उनके पिता ऑटो चालक हैं।
हाल ही में दुबे द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें एक तालाबंदी के कारण फंसे मजदूरों को सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने के लिए उकसाया गया था।
इस वीडियो में, उन्होंने लोगों को अपने गृहनगर में जाने की अनुमति नहीं देने पर जबरन चलने की बात कही थी।
बताया जता है कि इसी के बाद बांद्रा रेलवे स्टेशन पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। जिसे पुलिस लाठी चार्ज करने के बाद हटाया।