किसानों की मांग- लिखित आश्वासन दे सरकार, किसानों से आदित्य ठाकरे और गिरीश महाजन ने की मुलाक़ात

अपनी कई मांगों को लेकर नासिक से मुंबई के लिए चले हजारों की संख्या में किसान मुंबई में दाखिल हो गए हैं। वे सोमवार को विधानभवन का घेराव करेंगे। इन किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक वे मुंबई में ही अपना डेरा डाले रहेंगे। इसी दौरान सरकार द्वारा चर्चा करने का निमंत्रण जब किसानों को मिला तो उन्होने कहा कि बातचीत होगी लेकिन आंदोलन भी जारी रहेगा। आपको बता दें कि किसानों का यह जनसैलाब 6 मार्च को नासिक से मुंबई के लिए निकला था। इस मोर्चे में पुरुषों के अलावा महिला और बच्चे भी शामिल हैं।

क्या है इनकी मांग 

 

महाराष्ट्र में किसानों की समस्या सुरसा के मुंह की तरह दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती ही जा रही है, इसका एक मुख्य कारण राजनीतिक इच्छा शक्ति का कमजोर होना भी बताया जाता है। आखिर किसानों का धैर्य जवाब दे गया और इसका परिणाम है कि महाराष्ट्र की राजधानी और भारत की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में लाल झंडों के साथ किसानों का आंदोलन उसी तरह से प्रतीत होता है जैसे ज्वालामुखी फूटने के बाद लावा बहता नजर आता है। वैसे तो इन किसानों को सभी पार्टियों का समर्थन है, इनकी मांगों को सभी लोग जायज बता रहे हैं। इन किसानों की मांग है कि- 

इनके सभी कर्ज बिना शर्त माफ़ किया जाए।

बेमौसम ओलो और बारिश से हुए नुकसान की भरपाई हो।

सूखे से ग्रसित इलाकों में पानी की व्यवस्था की जाए।

किसानों के उत्पाद को उचित मूल्य व्यवस्था हो।

बिजली माफ़ की जाये।

जगंलों की जमीन पर जो कई सालों से खेती कर रहे हैं जमीन उनके नाम हो।

योजनाओं का क्रियान्वन हो और सही पात्रों को उसका लाभ मिले।

सभी मांगे पूरी होंगी इसके लिए भी सरकार लिखित में दे। 

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मंत्री जी मिले किसानों से 

सरकार के लिए यह घड़ी किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं माना जा रहा है। सरकार इनसे निपटने के लिए अब अपने तरकस में रखे हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सरकार ने पहला हथियार छोड़ा और राज्य सरकार की तरफ से अपने मंत्री गिरीश महाजन को दूत के रूप में किसानों के पास मुलाकात के लिए भेजा।

समस्या का हल निकलेंगे 

मुलाक़ात के बाद गिरीश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों के शिष्टमंडल से सीएम सोमवार को मुलाकात करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के सभी समस्याओं आपसी चर्चा होगी और उसका हल निकालने का प्रयास किया जायेगा। यही नहीं इस आंदोलन में किसान जिस तरह से शांति और धैर्य का परिचय दे रहे हैं इसके लिए महाजन ने इन्हे धन्यवाद भी कहा।

गिरीष महाजन, जलसंपदा मंत्री

सरकार दें लिखित आश्वासन

इस मोर्चे में शामिल किसान मुक्ति मोर्चा के सचिव अजित नवले ने कहा कि सरकार से हमारी चर्चा जारी रहेगी लेकिन आंदोलन बंद नहीं होगा। उन्होने कहा कि जब तक मीडिया के सामने लिखित में सरकार हमें आश्वासन नहीं देगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गयी तो हम विधानभवन का घेराव करेंगे।

अजित नवले, सचिव, किसान मुक्ती मोर्चा

किसानों के लिए मैदान में उतरेंगे

इस मौके पर युवा सेना अध्यक्ष और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी किसानों से मिलने पहुंचे और मोर्चे को लेकर शिवसेना का समर्थन बताया। आदित्य ने किसानों से बात करते हुए  कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो शिवसैनिक किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर उनके समर्थन में इस आंदोलन में उतरेगी।

आदित्य ठाकरे, नेता,शिवसेना

यातायत किया गया डाइवर्ट 

किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए यातायात व्यवस्था में कई बदलाव किये गए हैं। प्रशासन ने कहा है कि जरुरत के अनुसार ही घर के बाहर निकले। बताया जा रहा है कि किसानों का यह मोर्चा रात को सायन के सोमैया मैदान में आराम करेगा।

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