कहीं खुशी, कहीं गम

मुंबई - बीएमसी चुनाव में इस बार जमकर परिवारवाद दिखा। नेताओं ने अपने पति,पत्नी, बच्चों के लिए टिकट मांगे। एक ही घर में कहीं दोनों उम्मीदवारों चुने गए तो वहीं किसी घर में केवल एक ही उम्मीदवार चुनकर आया। जिससे कहीं खुशी का माहौल है तो कहीं गम का।

भाजपा को राम राम कर शिवसेना में प्रवेश करनेवाले मकरंद नार्वेकर ने अपनी बहन के साथ शिवसेना में प्रवेश किया था। मकरंद नार्वेकर और उनकी बहनों ने वॉर्ड 226 और 227 पर चुनाव लड़ा। दोनों ने ही अपनी अपनी सीट जीत ली। तो वहीं दूसरी तरफ शिवसेना से बबलू पांचाल और उनकी पत्नी अनीता पांचाल भी चुनावी मैदान में थे। लेकिन बबलू पांचाल को हार का सामना करना पड़ा तो वहीं दूसरी ओर उनकी पत्नी जीतने में कायमाब रही। रोहिदास लोखंडे और सुरेखा लोखंडे भी चुनावी मैदान में थी। जहां रोहिदास अपनी सीट नहीं बचा पाए तो वहीं दूसरी तरफ सुरेखा लोखंडे ने जीत दर्ज की।एनसीपी से अजितरावरा ने और उनकी पत्नी रूपाली रावराने भी चुनावी मैदान में खड़ी थी। दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रवादी कांग्रेस से हारून खान और उनकी पत्नी ज्योति खान ने जीत दर्ज की तो वहीं उनके पुत्र रोशन खान को हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा ने अंधेरी पूर्व विभाग से पटेल दंपत्ति को चुनावी मैदान में उतारा था। दोनों ने ही अपनी अपनी सीट पर जीत दर्ज की। केशरबेन पटेल ने वार्ड 76 से तो मधून मुरजी पटेल ने वार्ड 81 से अपनी जीत दर्ज की। सांसद राहुल शेवाले की पत्नी कामिनी शेवाले को वार्ड 141 से हार का सामना करना पड़ा तो वहीं बहन वैशाली शेवाले ने वॉर्ड 144 से जीत दर्ज की। साथ ही शेवाले के किरबी शाखा प्रमुख निमेश भोसले और शेखर चव्हाण की हार ने भी राहुल शेवाले को करारा धक्का दिया है।

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