कैबिनेट मंत्री का चौकानें वाला दावा, 'मुंबई के आसपास मॉडर्ना टीका लगाया जा रहा है'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (nawab malik) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि मुंबई (Mumbai) के आसपास के क्षेत्रों में अमेरिका (America) की कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) कंपनी मॉडर्ना (moderna) के टीकों से टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र इसका खुलासा करे। बता दें कि भारत में केंद्र सरकार ने अभी तक केवल तीन कोरोना वैक्सीन, कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिकवी  को ही अनुमति दी है।

केंद्र पर आरोप लगाते हुए नवाब मलिक ने कहा कि, केंद्र सरकार ने देश में भारत बायोटेक (bharat biotech), रूस के स्पुतनिक वी (Sputnik v) और सीरम (serum) के टीकाकरण की अनुमति दी है। 

परंतु मेरी जानकारी के अनुसार, मॉडर्ना कंपनी द्वारा मुंबई के आसपास के क्षेत्रों में टीकाकरण किया जा रहा है। भारत में विदेशी दूतावासों, विशेष रूप से फ्रांसीसी दूतावास के अधिकारियों और भारत में फ्रांसीसी नागरिकों के टीकाकरण के लिए कुछ अस्पतालों में मॉडर्ना का उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि उनके रिश्तेदारों को भी टीका लगाया जा रहा है।

मलिक ने केंद्र से सवाल करते हुए कहा, आप कहते हैं कि भारत में केवल तीन टीके लगाने की अनुमति दी गई है। तो केंद्र से हमारा सवाल यह है कि फिर मॉडर्ना टीका कैसे लगाया जा रहा है? 

नवाब मलिक (नवाब मलिक) ने यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि जब जनता के लिए इस टीके को अनुमति नहीं दी गई हैै, तो विशेष मामले में अनुमति कैसे दी गई?

हालांकि मलिक ने यह नहीं बताया कि टीका कहाँ और किस अस्पताल में लगाया जा रहा है।

इस बीच, राज्य सरकार ने 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण को रोकने का फैसला किया है क्योंकि केंद्र से उपलब्ध टीकों का पर्याप्त स्टॉक नहीं है।

तो दूसरी ओर, महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Maharashtra congress president nana patole) ने भी केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, पहले कहा था कि देश में सभी को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा, बाद में सभी इस जिम्मेदारी से हट गए। इसलिए, यह जिम्मेदारी राज्य सरकार पर आ गई है। इसके अलावा, राज्यों को अपर्याप्त टीकों के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

नाना पटोले ने भी मांग की है कि केंद्र को टीकाकरण नीति पर फिर से विचार करना चाहिए।

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