मुंबई की उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस के संजय निरुपम और शिवसेना के वरिष्ठ नेता और मौजूदा सांसद गजानन किर्तीकर के बीच मुकाबला है। संजय निरुपम इससे पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भी रह चुके है और पूर्व केंद्रिय मंत्री गुरुदास कामत के निधन के बाद से उन्होने कांग्रेस की ओर से इस सीट के लिए दावेदारी पेश की थी। संजय निरुपम पर मुंबई कांग्रेस में गुटबाजी को बढ़ाने का आरोप भी लगता रहा है। जिसे देखते हुए राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के ठिक पहले मिलिंद देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया और संजय निरुपम को उत्तर पश्चिम सीट से उम्मीदवारी दे दी।
राज्य भर में बीजेपी के खिलाफ प्रचार करनेवाले राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने भी इस सीट से निरुपम का प्रचार करने से इनकार कर दिया था। जहां एक ओर संजय निरुपम अपने आप को उत्तर भारतीय समुदाय का नेता होने का दावा करते है तो वही दूसरी ओर शिवसेना के गजानन किर्तीकर को भी उत्तर भारतीय समाज के एक वर्ग का अच्छा खासा समर्थन हासिल बताया जाता है। दोनों ही उम्मीदवरो मे प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी, जहां गजानन किर्तीकर के प्रचार के लिए शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे सभाओं में दिखे तो वही निरुपम के लिए हार्दिक पटेल से लेकर शत्रुघन सिन्हा तक नजर आए।
हालांकी मीडिया के मामले में निरुपम , गजानन किर्तीकर से कही आगे दिये। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के कारण निरुपम पहले से ही कई बाद अपने बयानों को लेकर मीडिया में रहे है। प्रचार के दौरान मीडिया में सुर्खियों में रहने के मामले में निरुपम ने किर्तीकर को पीछें छोड़ दिया। इस लोकसभा सीट पर मराठी वोट के साथ साथ काफी बड़ी तादाद में उत्तर भारतीय वोट भी है। अब ये तो 23 मई को ही पता चलेगा की आखिरकार इस सीट से जनता ने किसको चुना है।
इस बार इस सीट पर लगभग 54.26 फीसदी वोटिंग हुई। सर्वाधिक मतदान जोगेश्वरी पूर्व इलाके में हुआ जबकि सबसे कम मतदान वर्सोवा इलाके में हुआ।