अनिल गोटे को कारण बताओ नोटिस

मुंबई - विधान परिषद में सत्ताधारी पार्टियों का संख्या बल कम होने से उसे अधिवेशन के दौरान विधेयक पास करवाने में अड़चन का सामना करना पड़ता है। जिससे नाराज भाजपा के विधायक अनिल गोटे ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधानपरिषद को ही खत्म करने की मांग तक कर डाली थी। जिसका विधानपरिषद में विधान परिषद के सदस्य हेमंत टकले, सुनील तटकरे, भाई जगताप, जयंत पाटील द्वारा जताए गए विरोध का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री गिरीष बापट ने कहा कि इसके लिए अनिल गोटे को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसका तीन दिन में जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सीएम ने भी जताई थी असहमति

इससे पहले शुक्रवार को सीएम ने कहा कि जो विचार अनिल गोटे ने व्यक्त किया है वो गलत है, जिससे मैं सहमत नहीं हूं। सीएम ने आगे से गोटे को इस तरह का वक्तव्य नहीं व्यक्त करने का निर्देश दिया है। बता दें कि भाजपा के विधायक अनिल गोटे ने विधान परिषद सभा को बरखास्त करने की मांग की थी। इसके लिए अनिल गोटे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखा था।

क्या कहा था अनिल गोटे ने ?

"देश के सिर्फ 6 राज्यों में विधान परिषद अस्तित्व में है, विधान परिषद को संवैधानिक अधिकार नही है, विधानसभा चुनाव में जिन्हें मतदाता नकार देते हैं उन्हें विधानपरिषद से प्रवेश मिल जाता है। विधान परिषद वरिष्ठ सभागृह नहीं होकर असंतुष्ट राजनीति का अड्डा बन जाता है। विधान परिषद में ग. दि. माडगुळकर, वसंत बापट, ना. धो. महानोर, मा. गो. वैद्य, वंसत देसाई जैसे विद्वान विधान परिषद का मार्गदर्शन कर चुके हैं, लेकिन अब सरकार के कार्य में रोड़ा अटकाने के लिए विधानपरिषद का इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य सरकार का स्थानिक विकास निधि, पगार, भत्ते, मुफ्त प्रवास, मुफ्त आरोग्य सेवा, विकास निधि पर प्रतिवर्ष 300 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसलिए इसे बंद ही कर दिया जाना चाहिए"

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