मराठा आंदोलन ने ली पहली बलि, मंगलवार को महाराष्ट्र बंद की घोषणा

मराठा आरक्षण की आग अब ज्वाला का रूप ले चुकी है जिसकी तपिश में फडणवीस सरकार झुलस रही है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक आंदोलनकारी काकासाहेब दत्तात्रे शिंदे (28) ने गोदावरी नदी के कूद कर जान दे दी जिसके बाद से आंदोलनकारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा नहीं देते तब तक डेडबॉडी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। यही नहीं इसके विरोध में आंदोलनकारियों ने मंगलवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है।

आपको बता दें कि मराठा समाज आरक्षण मिलने के पक्ष में राज्य में कई बार शांतिपूर्ण तरीके से मूक मोर्चा भी निकाल चुका है।जिससे अब यह मामला कोर्ट में है। यही नहीं पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र के ग्रामीण भागों सहित छोटे शहरों में फिर से मराठा आंदोलन की आग भड़क उठी है। कई स्थानों पर वाहनों को जला दिया गया तो कई जगह लोगों ने सड़क जाम किया।

 हालांकि आषाढ़ी एकादशी के वारकरी भक्तों को देखते हुए मराठा समन्वय समिती ने आंदोलनकारियों से निवेदन किया है कि वे आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से करें। सार्वजनिक परिवहन सेवा,एम्बुलेंस, एसटी बस किसी को भी निशाना नहीं बनाए।

आन्दोलनकारियों ने सरकार को इस मामले में फैसला लेने के लिए दो दिन का समय दिया है, उनका कहना है कि अगर दो दिन के अंदर उनकी बात नहीं मानी गयी तो वे और भी उग्र आंदोलन करेंगे।

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