सशस्त्र दल के शहीदोंं के वारिश को भी सरकार देगी जमीन!

शहीद सैनिको की पत्नी को दो हेक्टर खेती के लायक जमीन देने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल ने अब और भी फैला दिया है। राज्य सरकार ने फैसला लिया है की   भारतीय सेना के साथ साथ सशस्त्र दल के शहीद की पत्नी या फिर अधिकारिक वारिश को भी सरकार की ओर से खेती के लायक जमीन दी जाएगी।  मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने इस फैसले का आगे बढ़ाते हुए इसे मान्य कर दिया है।  सरकार के इस फैसले से जिन शहीद की पत्नी नहीं है उनके अधिकारिक वारिश को इस योजना का लाभ मिलेगा। 

मिलेगी दो हेक्टेयर भूमि 

राज्य मंत्रिमंडल ने युद्ध, युद्ध की स्थिति और देश के सभी क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी मिशन, मुठभेड़ों, आतंकवादी हमलों में शहीद हुए सैनिको की पत्नी या फिर अधिकारिक वारिश को कृषि भूमि की 2 हेक्टर जमीन देने का फैसला किया है।  सरकार की इस योजना का लाभ शहादत के बाद सैनिकों की पत्नी या फिर उनके अधिकारिक वारिश को दिया जाएगा।  भूमि आवंटन गैर-अधिभोग (गैर-अधिभोग मूल्य) और गैर-उपलब्धता के लाभ के लिए दिया जाएगा।  

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1971 के सरकारी भूमि नियम में बदलाव

वास्तव में इस निर्णय को लागू करने के लिए सरकार को में 1971 के सरकारी भूमि के मुद्दे के संबंध में नियमों में बदलाव करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने आज बदलावों को मंजूरी दी। यह निर्णय भारतीय सेना या सशस्त्र बलों पर भी लागू होगा। जिला कलेक्टर को इस भूमि को प्रदान करने का अधिकार होगा। अब यह किसी भी सशस्त्र बलों या अधिकारियों की पत्नी या दो हेक्टेयर की विरासत के दो भारतीय सैनिकों या सैनिकों की भूमि प्राप्त कर सकता है। इसी प्रकार, इस भूमि को देने के दौरान कोई अन्य प्रकार का मूल्य नहीं लगाया जाएगा।

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