महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने अब लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली बिलों (electricity) में वृद्धि के मुद्दे पर आक्रामक होने की संभावना है।मनसे नेता संदीप देशपांडे (Sandeep deshpande) ने कहा कि बिजली बिल जारी करने से लेकर अब तक के सभी बयान, आवेदन बैठकें, अनुरोध किए गए हैं। फिर भी सरकार मौन है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि "अब हमें लोगों को राहत देने के लिए साहेब के आदेश के बाद सड़कों पर संघर्ष करना होगा। क्योंकि, " लातो के भूत बातों से नही मानते" इसलिए अब सभी की नजर बिजली के मुद्दे पर राज्य सरकार की भूमिका पर है।
ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (Nitin raut) ने हाल ही में कहा था कि लॉकडाउन (lockdown) के दौरान नागरिकों को अपने बिजली बिलों का भुगतान करना होगा। उनके इस बयान से राज्य भर में तीखी प्रतिक्रियाएं हुई हैं। इसलिए, बिजली के बिल के मुद्दे पर अब सरकार द्वारा पुनर्विचार किए जाने की संभावना है। इस संबंध में गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की जाएगी। उस समय, बिजली के बिल के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय किए जा सकते हैं।
हालांकि, अगर ऐसा नहीं होता है, तो मनसे सड़कों पर उतर सकती है और आंदोलन शुरू कर सकती है। मनसे बिजली बिलों की वृद्धि के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बैठक कर रही है, जिसमें नेताओं और महासचिवों द्वारा भाग लिया जाएगा। बैठक गुरुवार को दोपहर 2 बजे एमएनएस पार्टी कार्यालय में हुई। बिजली के बढ़े हुए भुगतानों को लेकर यू-टर्न पर सरकार को घेरने के लिए बैठक में आंदोलन की रणनीति बनने की संभावना है।
"संजय राउत को अब पता चलेगा कि राज ठाकरे बिना मुख्यमंत्री से मिले राज्यपाल से मिलने क्यों गए।" मनसे ने आरोप लगाया था कि राज ठाकरे बढ़े हुए बिजली बिलों के मुद्दे पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने गए थे क्योंकि उन्हें पता था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोई फैसला नहीं ले सकते।
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