अशोक चव्हाण के बाद शरद पवार ने कहा - अल्पसंख्यक नहीं चाहते थे बीजेपी सत्ता में वापस लौटे

कुछ ही दिन पहले कांग्रेस(congress) के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री अशोक चह्वाण(ashok chavan) ने कहा था की मुसलमानों (muslim) के कहने पर ही कांग्रेस ने शिवसेना को साथ दिया ताकी बीजेपी को सत्ता से दूर रखा जा सके। अशोक चव्हाण के इस बयान के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा(sambit patra)ने एक प्रेस कॉफ्रेस कर अशोक चव्हाण के साथ साथ कांग्रेस पार्टी पर भी जमकर निशाना साधा। वही अब एनसीपी पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने फिर इसी तरह का बयान दिया है। शरद पवार(sharad pawar)  ने कहा की  अल्पसंख्यक नहीं चाहते थे बीजेपी सत्ता में वापस लौटे इसलिए अल्पसंख्यों ने बीजेपी के खिलाफ वोटिंग की।  

क्या कहा शरद पवार ने 

मुंबई में NCP चीफ शरद पवार ने ने पार्टी की अल्पसंख्यक इकाई की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि " चुनाव परिणाम आने के कई दिन बाद भी जब बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पाई, तब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आईं और काफी विचार-विमर्श के बाद राज्य में सरकार बनाई, अल्पसंख्यक(minority) समुदायों के प्रतिनिधियों ने कहा था कि यदि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ हाथ मिलाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन भाजपा को महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखा जाना चाहिए"

अशोक चव्हाण भी दे चुके है ऐसा बयान 

अशोक चव्हाण का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि कांग्रेस मुस्लिम भाइयों की अपील पर भाजपा को हटाने के लिए शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हुई। वीडियो में अशोक चव्हाण कह रहे हैं, ''हमने मुसलमान भाइयों के कहने पर महाराष्ट्र ( maharashtra) में शिवसेना के साथ सरकार बनाई है। मुस्लिमों का कहना था कि बीजेपी हमारी सबसे बड़ी दुश्मन है, इसलिए बीजेपी को सत्ता से रोकने के लिए शिवसेना के साथ सरकार बनानी चाहिए"

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