किसानों की कर्जमाफी को लेकर तेज हुआ विरोध

मुंबई - विधानपरिषद में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण व चर्चा के दौरान शिवसेना का एक भी सदस्य उपस्थित नहीं था। जिसपर विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि सरकार बहुमत में नहीं है यह सिद्ध हो गया। 

वहीं कांग्रेस के नारायण राणे का सुर भी आक्रामक देखने को मिला। विधान परिषद में किसानों की कर्ज माफी को लेकर विरोधी दलों का रुख और भी कड़ा होता जा रहा है। 

शिवसेना नेताओं ने साथ देते हुए वेल में उतरकर घोषणाबाजी की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटील ने पूछा कि 9 हजार किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद भी राज्य सरकार अभी किसकी राह देख रही है। शिवसेना के सत्ता में रहते हुए किसानों के कर्ज माफ नहीं किए जा सकते।

वहीं बुधवार को मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें किसानों की कर्जमाफी पर रणनीति तैयार करने की संभावना जताई जा रही है।

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