Palghar mob lynching : केस CID को सौंपा गया, 2 अधिकारी सस्पेंड

पालघर मॉब लिंचिंग ( palghar mob lynching) मामले में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि पालघर घटना की जांच महाराष्ट्र आपराधिक जांच विभाग (CID) को स्थानांतरित कर दी गई है।  इस बीच, पालघर जिले के कासा थाने के दो पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, "हमने इस मामले को राज्य सीआईडी और अतिरिक्त महानिदेशक अतुलचंद्र कुलकर्णी को स्थानांतरित कर दिया है, इस केस को वे अपनी देखरेख के तहत जांच करेंगे।

महाराष्ट्र पुलिस आईजीपी (कोकण रेंज), निकेत कौशिक ने सहायक पुलिस निरीक्षक आनंद राव काले सहित एक उप निरीक्षक को जांच पूरी होने तक के लिए निलंबित कर दिया है।

मारे गए तीन लोगों की पहचान सुशील गिरी महाराज (35), महाराज कल्पवृक्ष गिरी (70) और नीलेश तेलगने (35) के रूप में हुई है। वे 16 अप्रैल को एक संत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। लेकिन अफवाह के चलते भीड़ ने उनकी हत्या कर दी। यह घटना महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिंचल गांव में रात के समय हुई।

इसके पहले इस घटना को सांप्रदायिक रूप देेनेे की कोशिश करने वालों को उद्धव ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कड़ी कार्रवाई की बात कही।

यही नहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि तीनों पीड़ित और सभी आरोपी एक ही धर्म के हैं। इसमें साम्प्रदायिकता की कोई बात नहीं है।

यही नहीं कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कहा था कि, पालघर मॉब लिंचिंग के मामले गिरफ्तार किए गए लोगों में से अधिकांश बीजेपी के सदस्य थे।

 इस घटना में महाराष्ट्र पुलिस ने 110 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए 110 लोगों में से, 101 लोगों को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है जबकि अन्य 9 नाबालिगों को एक बाल सुधार गृह भेजा दिया गया है।

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