पश्चिम बंगाल (west Bengal) के विधानसभा चुनाव (assembly election) में अब शिवसेना (shiv sena) की भी एंट्री होने वाली है। रविवार को शिव सेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत (sanjay raut) ने घोषणा की कि, शिवसेना पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
राउत ने अंग्रेजी में एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा, बहुप्रितीक्षित जानकारी है, पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ हुई चर्चा के बाद, शिव सेना में बंगाल में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। हम जल्द ही कोलकाता पहुंचेंगे...जय हिंद"।
वैसे शिव सेना ने बिहार चुनाव (bihar election) में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उसे वहां से कोई खास सफलता नहीं मिली। बिहार में शिव सेना ने 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन आख़िर में 22 सीटों पर ही उसने अपने उम्मीदवार उतारे। हालांकि शिवसेना का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा, कई सीटों पर शिवसेना उमीदवारों से अधिक वोटर NOTA को मिले।
बिहार के चुनाव में शिवसेना को 0.5 फीसदी वोट मिले थे, तो वहीं NCP को 0.23 फीसदी वोट मिले थे, जबकि NOTA को 1.74 फीसदी वोट मिले थे।
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र (maharashtra)में शिवसेना ने कांग्रेस (congress) और एनसीपी के साथ गठबंधन करके,महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार बना कर सत्ता पर काबिज है। अब देखना होगा कि क्या शिवसेना, बंगाल में भी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाती है या नहीं?
बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट (left) का गठबंधन है। TMC ने लेफ्ट और कांग्रेस से बीजेपी के खिलाफ एक साथ आने की अपील की थी, लेकिन दोनों दलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी (bjp) जोर-शोर के साथ चुनावी तैयारियों में जुटी है। इस चुनाव में AIMIM के भी आ जाने से कांग्रेस और TMC के मुस्लिम वोटरों में सेंध लग सकती है, जिससे BJP को ही फायदा होगा।