मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री की चुप्पी समझ से परे- राज ठाकरे

मणिपुर में असंतोष का माहौल है और हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों ने केंद्रीय मंत्री के घर पर हमला कर दिया। दो महीने से ऐसी स्थिति होने के बावजूद केंद्र सरकार इस पर काबू पाने में नाकाम रही है।  मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने आलोचना की है कि यह समझ से परे है कि पूर्वोत्तर भारत की उपेक्षा के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मणिपुर की स्थिति पर चुप हैं।(The Prime Ministers silence regarding Manipur is incomprehensible Raj Thackeray criticises)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चार दिनों तक मणिपुर में रहे। अभी भी स्थिति नियंत्रण में नहीं है। अगर मणिपुर में मौजूदा नेतृत्व निष्प्रभावी है तो बीजेपी को सही फैसला लेना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मणिपुर के हालात पर चिंता जताने के बाद भी लगा था कि प्रधानमंत्री की ओर से ठोस कार्रवाई की जायेगी।

अटल बिहारी वाजपेई ने पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यधारा में लाने की बहुत कोशिश की थी; लेकिन फ़िलहाल मणिपुर के हालात को नज़रअंदाज किया जा रहा है और डर है कि वाजपेयी की कोशिशें बेकार हो जाएंगी।

'एनआरसी' लागू करने के लिए मणिपुर में प्रदर्शन

इंफाल: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने और राज्य में संकट के शांतिपूर्ण समाधान की मांग को लेकर शनिवार को मणिपुर की इंफाल घाटी में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।  राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रयासों के विरोध में कई महिलाओं ने इंफाल पूर्वी जिले के खुरई में धरना दिया।

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