बजट को लेकर शिवसेना-बीजेपी आमने सामने

मुंबई – बीएमसी का बजट 29 मार्च को पेश किया जायेगा, लेकिन इस बजट को लेकर अभी से ही शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने आ गयी हैं। एक तरफ जहां शिवसेना बजट का आधार वस्तुस्थिति को आधार बनाकर पेश करना चाहती है चाहे इसके लिए बजट को भले ही घटाया जाए तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी पारदर्शिता को आधार बनाकर बजट पेश करने की मांग कर रही है चाहे इसके लिए बजट को भले ही बढ़ाया जाए।

बीएमसी का 2017-18 का बजट 29 मार्च को पेश किया जायेगा। इस बजट को स्थायी समिति अध्यक्ष रमेश कोरगांवकर और कमिश्नर अजॉय मेहता मिलकर पेश करेंगे। लेकिन बजट पेश होने से पहले शिवसेना के नवनिर्वाचित महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर ने अजॉय मेहता को इस संबंध में एक पत्र लिखा है जिसमें मांग की गयी है कि इस बजट को भले ही कम करना पड़े लेकिन बजट का आधार वास्तविक वस्तुस्थिति होनी चाहिए और जनता पर कोई अतिरिक्त कर या किसी भी प्रकार का भार न लगाया जाए, जो जरुरी हो उसी के अनुसार बजट बने। 


जब बीजेपी को इस पत्र की खबर लगी तो बीजेपी मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी अजॉय मेहता को पत्र लिख कर मांग की कि बजट का आधार पारदर्शी होना चाहिए। मतलब बजट में मलनिस्सारण टैक्स, पानी के लिए टैक्स, ट्रेड रिजफुल चार्ज जैसे कोई भी टैक्स न बढ़ाते हुए बजट पेश किया जाए और अन्य मदों पर पैसा खर्च किया जाए चाहे इसके लिए बजट को बढ़ाया ही क्यों न जाए।

बजट में 11 हजार करोड़ रूपये की हो सकती है कमी

सूत्रों की मानें तो इस बार बीएमसी का जो बजट पेश होगा वह पिछले बजट से कम का होगा। 2016-17 में जो बजट पेश हुआ था वह 37 हजार 52 करोड़ रूपये का था लेकिन इस बार यानी 2017-18 का जो बजट पेश किया जायेगा वह 26 हजार से 27 हजार करोड़ रूपये का होगा। मतलब पिछली बार की तुलना में 10 से 11 हजार करोड़ रुपए की कमी होगी। जानकारों की मानें तो पहले बजट में कर्ज, अनुदान के साथ साथ अतिरिक्त रकम को भी जोड़कर बजट पेश किया जाता था लेकिन इस बार के बजट में इन मदों को दूर रखा गया है।

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